अपराध करके अपराधी कितना भी सजा से बचने की कोशिशकरे या अपने को शातिर समझकर कानून की नजरों से भागे लेकिन बुरे का अंजाम बुरा ही होता है और अपराधी पकड़ा ही जाता है। जी हाँ उपनिरीक्षक जहांगीर अली ने जनपद रूद्रप्रयाग में हुई महिला की हत्या व लूट की घटना का न सिर्फ खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि निर्धारित समय के अन्दर चार्जशीट माननीय न्यायालय में दाखिल कर आरोपियों को उनके इस कृत्य की सजा भी दिलायी।
दिनांक 07 अप्रैल, 2017 को जनपद रूद्रप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत राजस्व क्षेत्र कोटबांगर में श्रीमती सरोजनी, उम्र 44 वर्ष जो अपने घर में अकेली थी,की अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हत्या कर शव को जलाने एवं मकान के पीछे गड्ढ़े में दबाने की घटना घटित हुई थी। राजस्व क्षेत्र होने के बावजूद इसकी विवेचना पुलिस को दी गयी। जिस सम्बन्ध में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना उपनिरीक्षक जहांगीर अली के सुपुर्द हुई। घटना का कोई चश्मदीद गवाह और घटनास्थल से कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य उपलब्ध न होने के बावजूद उपनिरीक्षक जहांगीर अली द्वारा अपने मुखबिर/इलैक्ट्रोनिक सर्विलांस/वैज्ञानिक तथ्यों का प्रयोग करते हुए प्रकाश में आये अभियुक्तगणों के विरूद्ध निर्धारित समय के अन्दर चार्जशीट माननीय न्यायालय में दाखिल की गयी, जिसके फलस्वरूप माननीय न्यायालय अतिरिक्त सत्र न्यायधीश जनपद रूद्रप्रयाग द्वारा दिनांक 04 दिसम्बर, 2018 को इस अपराध को विरल से विरलतम श्रेणी का अपराध मानते हुए दोनों मुख्य आरोपियों 1- मुकेश थपलियाल एवं 2- सत्येश कुमार उर्फ सोनू को फांसी की सजा एवं लूट का सामान खरीदने वाले सुनारों 1- अवधेष शाह एवं 2- राजेश रस्तोगी को 03 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया। साथ ही माननीय न्यायालय द्वारा उपनिरीक्षक जहांगीर अली की प्रशंसा भी की गयी।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उपनिरीक्षक जहांगीर अली को उत्कृष्ट विवेचना किये जाने के लिए ’’अन्वेषण में उत्कृष्टता हेतु केन्द्रीय गृहमंत्री पदक’’ से सम्मानित किये जाने की घोषण की गयी है।
श्री अनिल के0 रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड और श्री अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने उपनिरीक्षक जहांगीर अली को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।