देहरादून: देश की आजादी के आंदोलन में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में हमारे हर धार हर गांव ने एक नायक दिया है।
देश हित में अपना सर्वस्व समर्पण के लिए प्रेरित करने में राज्य की पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास रहा है। रविवार को बीजापुर हाउस में वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘स्वाधीनता आंदोलन में उत्तराखण्ड की पत्रकारिता ’’ का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उस समय संचार के साधनों के अभाव अंग्रेजों के विरूद्ध संघर्ष का संदेश जन जन तक पहुंचाना बहुत बड़ी बात थी। इसमें उत्तराखण्ड की तत्कालीन पत्रकारिता ने अपनी भूमिका को साधनों के अभाव में भी बखूबी निभाया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने लेखक जयसिंह रावत को बधाई देते हुए कहा कि पुस्तक का विषय वंदनीय है। इसे पढ़कर आज की युवा पीढ़ी को ज्ञान होगा कि किस प्रकार उस समय मिशन के साथ पत्रकारिता की जाती थी और किस प्रकार आज की भांति संचार के साधनों की कमी होते हुए भी राष्ट्रपे्रम में पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया गया। आज से 4-5 दशक पूर्व पत्रकारिता कठिन तपस्यापूर्ण काम था। भावों को शब्दों के रूप में उतारना और उसे लोगों तक पहुंचाना बड़ा काम था।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा को निर्देश दिए कि आजादी से पूर्व व उसके बाद देश के विकास में योगदान देने वाली प्रदेश की पत्रकारिता के स्वर्णिम इतिहास को दर्शाने वाली गैलेरी का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए। वर्तमान में भी प्रकाशित हो रहे ऐसे अखबार व पत्रिकाएं जो कि हमारी धरोहर हैं, को विशेष श्रेणी का स्तर देते हुए उन्हें आर्थिक सहयोग दिया जाए। ऐसे पत्र पत्रिकाएं जिनका अमूल्य योगदान रहा परंतु वर्तमान में प्रकाशित नहीं हो पा रहे हैं, को प्रारम्भ करने वालों के परिवारजनों को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने पुस्तक के लेखक जयसिंह रावत को सम्मानित भी किया। लेखक जयसिंह रावत ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आजादी की लड़ाई के दौर में पत्रकारिता का मिशन क्या था, उस समय पत्रकारिता के मूल्य क्या थे, इसकी जानकारी देना ही पुस्तक लिखने का उद्देश्य था। इस अवसर पर सीएम के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार, प्रो0देवेंद्र भसीन, पुस्तक के प्रकाशक कीर्ति नवानी, अवतार नेगी, महेंद्र कुंवर सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।