नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली कल जब अपना बजट भाषण पढ़ेंगे तो उसमें क्या किसी कवि या लेखक के सूत्र वाक्य होंगे… वे सरस्वती पुत्र हैं। इसलिए मुमकिन है कि वे अपने भाषण में किसी लेखक,कवि या नामवर इंसान की किसी खास पंक्ति को लें।
आपको बता दें कि बजट के दस्तावेज हिंदी में 1955-56 से तैयार किये जाने लगे। पी.चिदंबरम अपने बजट भाषणों में तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती का कई बार उल्लेख करते थे। वित्त मंत्री के रूप में प्रणव कुमार मुखर्जी ने कौटिल्य का उल्लेख किया।
केंद्रीय बजट की घोषणा पहले फरवरी के अंतिम दिन में शाम पांच बजे की जाती थी। इसके बाद 2001 से अब वित्त मंत्री केंद्रीय आम बजट संसद में 11 बजे से पहले पेश करते हैं।
बहरहाल, प्रणब मुखर्जी, पी. चिदंबरम, यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चव्हाण और सीडी देशमुख वित्त मंत्री के रुप में सात-सात पूर्ण बजट पेश कर चुके हैं। स्वतंत्र हिंदुस्तान का पहला अंतरिम बजट आर के शंमुक्हम चेट्टी ने नवंबर 1947 को पेश किया था। केंद्रीय बजट में 1955-56 में पहली बार कालाधन उजागर करने की स्कीम शुरू की गयी थी। राजीव गांधी ने 1987 के बजट में पहली बार कॉरपोरेट टैक्स का न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स से परिचय कराया था। हालांकि मनमोहन सिंह द्वारा 1991 का बजट बेहद अहम था। उसी ने भारत को आर्थिक उदारीकरण के रास्ते में लेकर जाने का रास्ता दिखाया था।