मुम्बईः बॉलीवुड के दिग्गज फिल्मकार महेश भट्ट व मुकेश भट्ट की प्रोडक्शंस फिल्म ‘जलेबी’ से निर्देशन में डेब्यू करने वाले पुष्पदीप भारद्वाज ने इस फिल्म में अपने ही शहर दिल्ली को दिखाया है। फिल्म की पृष्ठभूमि पुरानी दिल्ली है जहां पुष्पदीप का काफी समय बीता है। पुष्पदीप ने कहा कि दिल वालों की दिल्ली को फिल्माना उनके लिए शानदार अनुभव रहा।
हालिया रिलीज फिल्म ‘जलेबी’ के प्रचार के सिलसिले में दिल्ली आए पुष्पदीप ने आईएएनएस को बताया, “फिल्म जलेबी की कहानी पुरानी दिल्ली के एक लड़के और यहां आने वाली लड़की के ईदर्गिद घूमती है। फिल्म का हीरो नेताजी की हवेली नाम के मोहल्ला में रहता है। मैं जब थियेटर करता था तो उस दौरान मैं कई नाटकों के लिए पुरानी दिल्ली आता था। मैं इन गलियों में बहुत घूमा है। मेरे कई दोस्त दरियागंज में रहते थे। फिल्म की शूटिंग उन्हीं गलियों में हुई है जहां मैंने काफी समय बिताया है। पहली फिल्म की शूटिंग ऐसी जगह करना जहां के कोने-कोने से आप वाकिफ हों, कमाल की बात है। मेरे लिए यह काफी फायदेमंद भी साबित हुआ क्योंकि जब आप खुद उस स्थान के बारे में जानते हैं तो ऐसे में आप फिल्म में अपने स्तर से काफी कुछ अच्छी चीजें जोड़ पाते हैं। दिल्ली से मेरी अनगिनत यादें जुड़ी हुई हैं। मेरे लिए यह अनुभव काफी शानदार था।”
12 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म ‘जलेबी’ से नवोदित कलाकार वरुण मित्रा डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और टेलीविजन शो ‘एक वीर की अरदास..वीरा’ की दिगांगना सूर्यवंशी भी शामिल हैं। ‘जलेबी’ 2016 में आई बांग्ला फिल्म ‘प्रकटन’ की रीमेक है।
फिल्म का नाम ‘जलेबी’ रखे जाने पर पुष्पदीप ने बताया, ” मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि पुरानी दिल्ली की सबसे बड़ी खासियत यहां का खाना है जो बहुत जबरदस्त होता है। फिल्म का जो हीरो है वह अपने पास आने वालों लोगों को पुरानी दिल्ली के जायकों से रूबरू कराता है और कमाल की बात है जब वह लोगों से मिलता है तो उनके चेहरों में वह मिठाइयां ढूंढ़ लेता है। ऐसे ही वह एक लड़की से मिलता है जो बहुत टेड़ी-मेड़ी है लेकिन मीठी है इसलिए वह उसको ‘मेरी जलेबी’ कहकर बुलाता है तो कुछ इस तरह फिल्म का नाम ‘जलेबी’ पड़ा है हालांकि यह फिल्म जिंदगी के टेड़े-मेड़े हालातों को बयां करती है। इसलिए पूरी फिल्म देखने के बाद आपको पता चलेगा कि यह ‘जलेबी’ जिंदगी से कैसे जुड़ी हुई है।”
दिल्ली में हर राज्य के लोग रहते हैं यहां की संस्कृति मिश्रित कही जाती है। इस फिल्म में क्या अलग है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं खुद दिल्ली का हूं इसलिए मुझे लगता है कि दिल्ली के लोगों को मिजाज एक जैसा होता है। वह किसी भी राज्य के हों, अगर दिल्ली में रहते हैं और किसी और शहर जाते हैं तो लोग उनके व्यवहार से जान जाते हैं कि वह दिल्ली से हैं। यहां के लोग अलग-अलग संस्कृति के हो सकते हैं लेकिन उनका मिजाज एक जैसा है।” -आईएएनएस