नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पहली बार ‘नई मंजिल’ योजना शुरु की गई है। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेप्तुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए
जम्मू-कश्मीर के लिए अपने मंत्रालय की इस नई पहल के बारे में बताया। डॉ. नजमा हेप्तुल्ला ने कहा कि योजना लड़कियों के लिए तीन संस्थानों में 20 जनवरी, 2016 को श्रीनगर में शुरू की गई है। ये संस्थान कौशल विकास केन्द्र, कश्मीर विश्वविद्यालय और दो मदरसे, पंपोर में मदरसा शाही-ए-हमादान और शादीपुर, बांडीपुरा में मदरसा इमाम सिद्दीक हैं।
योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदायों की बालिकाओं को क्षेत्र के सात चिन्हित वर्गों में तीन महीने का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में जाफरान प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण, कढ़ाई, कंप्यूटर आईटी (सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर), पर्यटन/सत्कार, इलेक्ट्रानिक और प्लंबिंग शामिल हैं। प्रशिशुओं को पाठक्रमों के लिए 4500 रुपए का वजीफा भी दिया जाएगा।
एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री महोदया ने कहा कि यह योजना बिहार में पटना और मोतिहारी और मुम्बई के भांडुप में शुरू की जा चुकी है। इसे चरणबद्ध तरीके से अन्य मदरसों में भी शुरू किया जाएगा।
‘नई मंजिल’ योजना अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समेकित शिक्षा एवं आजीविका पहल है। योजना का उद्देश्य उन अल्पसंख्यक युवाओं को लाभ पहुंचाना है जो बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं या मदरसों जैसे सामुदायिक शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करते हैं। इसके लिए उन्हें कक्षा 8 या 10 तक औपचारिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके जरिए वे संगठित क्षेत्र में बेहतर रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनेंगे और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। यह योजना पूरे देश के लिए है।