नई दिल्ली: राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण(एनपीपीए) द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में मूल्य निर्धारण और संसाधन इकाई (पीएमआरयू) की स्थापना के साथ ही आज देश में पीएमआरयू वाले राज्यों और संघशासित प्रदेशों की संख्या बढकर 12 हो गई है। केरल, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, नागालैंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और मिजोरम में पीएमआरयू की स्थापना पहले ही की जा चुकी है।
पीएमआरयू, एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में , जम्मू कश्मीर प्रशासन के औषध नियंत्रक के प्रत्यक्ष नियंत्रण और पर्यवेक्षण के तहत कार्य करेगा। इसे एनपीपीए द्वारा आवर्ती और गैर-आवर्ती खर्चों के लिए वित्त पोषित किया जाएगा। पीएमआरयू सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने में एनपीपीए और राज्य औषध नियंत्रक की मदद करेगा। इसके द्वारा सभी के लिए दवाओं की उपलब्धता और सामर्थ्य वाले क्षेत्रों में सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अन्य प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों का आयोजन करने की भी संभावना है।
पीएमआरयू औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने के लिए दवाओं के नमूने एकत्रित करेगा, डेटा एकत्र कर उनका विश्लेषण करेगा और दवाओं की उपलब्धता तथा उनकी ज्यादा कीमतें वसूले जाने के संबंध में रिपोर्ट
ऐसे समय में जबकि देश कोविड जैसी महामारी से जूझ रहा है,पीएमआरयू द्वारा जम्मू कश्मीर में दवाओं की ज्यादा कीमतें वसूले जाने के मामलों की निगरानी करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर जमाखोरी के कारण दवाओं की कमी जैसी समस्याओं का पता लगाये जाने का काम काफी महत्वपूर्ण होगा।