नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने 1 जनवरी, 2017 के संदर्भ में मतदाता सूचियों के निरीक्षण का फैसला लिया, जिसके लिए 1 जनवरी, 2017 को पात्रता तिथि के तौर पर तय किया गया है। यह निरीक्षण सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों (आंध्रप्रेदश और तेलंगाना के कुछ विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर) में विशेष संक्षिप्त निरीक्षण होगा।
2. संक्षिप्त निरीक्षण कार्यक्रम को लेकर पर्याप्त प्रचार और जागरूकता को सुनिश्चित करना डीईओ और सीईओ की जिम्मेदारी होगी। सभी डीईओ और सीईओ को जो निरीक्षण कार्यक्रम प्राप्त होगा वह इस कार्यक्रम को मीडिया, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों/आरडब्ल्यूए, मतदाताओं/नागरिकों तक पहुंचाएंगे। मतदाता सूचियों के प्रारूप की प्रकाशन की अंतिम तिथि से पहले इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा। मतादाता सूचियों के प्रारूप के प्रकाशन को प्रभारी बनाने के लिए जिला और राज्य स्तर पर पत्रकारों और राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठक की जा सकती है। सभी डीईओ और सीईओ अलग से राजनीतिक दलों के साथ उन्हें कार्यक्रम को लेकर जानकारी देंगे और साथ ही प्रारूप प्रकाशन की अंतिम तिथि से पहले उनका सहयोग भी मांगेंगे। अंतिम तिथि से पहले प्रारूप का प्रकाशन पूरा हो जाना चाहिए और साथ ही मतदाता सूचियों का मसौदा राजनीतिक दलों को सौंपा जाना चाहिए।
3. निरीक्षण प्रक्रिया के दौरान समय-समय पर आयोग को प्रगति रिपोर्ट दी जा सकती है। भारतीय निर्वाचन आयोग के डैशबोर्ड पर उपलब्ध फॉर्मेट के अनुसार नियमित तौर पर प्रक्रिया से जुड़ी जानाकारी दी जाएगी। सभी डीईओ/ईआरओ इस इलेक्ट्रॉनिक सूची की निगरानी के लिए डैशबोर्ड में जरूरी एन्ट्री करेंगे। साथ ही ऑल इंडिया ई-रोल मॉनीटेरिंग एप्लीकेशन पर भी जरूरी एन्ट्री करनी होंगी।
4.साथ ही यह भी इस स्पष्ट कर दिया गया है कि एनईआरपी की गतिविधियां इस निरीक्षण के साथ जारी रहेगी। हालांकि इससे मतदाता सूचियों के निरीक्षण में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
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