लखनऊः शासन द्वारा प्रदेश के कारागारो में अवैध गतिविधियो के संचालन पर कड़ाई से रोकथाम हेतु औचक निरीक्षण कराये जाने तथा उसमे गड़बड़ी पाये जाने पर जेल प्रशासन के दोषी कर्मियो पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।
इसी कड़ी में जिला कारागार मथुरा, मैनपुरी, उन्नाव व बलिया में पूर्व में जनपदीय अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान पकड़ी गयी अनियमितताओं पर संबंधित कर्मियों के विरूद्व शीघ्र दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, गृृह एवं कारागार द्वारा प्रदान किये गये है।
प्रदेश के कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग द्वारा कारागारों की व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त एवं प्रभावी बनाये जाने के लिए किये जाने वाले प्रयासो की गहन समीक्षा आज प्रमुख सचिव, गृह एवं कारागार श्री देबाशीष पण्डा की अध्यक्षता में आज कमाण्ड सेंटर, एनेक्सी में सम्पन्न एक उच्चस्तरीय बैठक में सम्पन्न हुई।
प्रदेश के सभी कारागारो में सीसीटीवी कैमरें लगाये जाने की योजना की प्रगति की जानकारी देते हुए बैठक मे बताया गया कि प्रथम चरण में प्रदेश के संवेदनशील 23 कारागारो में सीसीटीवी इकाइयों की स्थापना करा दी गयी है तथा प्रदेश के अन्य 20 कारागारो में सीसीटीवी कैमरे की शीघ्र स्थापना की जानी है। श्री पण्डा नें इस कार्य को 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दिये है। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार प्रदेश के सभी 67 कारागारों मे से 43 कारागार सीसीटीवी कैमरे से लैस हो जायेगें। शेष बचे कारागारों में भी इसी वित्तीय वर्ष में सीसीटीवी कैमरो की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये गये है।
बंदियो को शुद्व एवं परिशोधित पेय जल आपूर्ति हेतु सभी कारागारों मंे आर0ओ0 प्लांट स्थापित करने की दिशा में हुई कार्यवाही की भी बैठक में समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 10 कारागारों में आर0ओ0 प्लांट स्थापित कर दिये गये है तथा 29 कारागारों में उनकी स्थापना के प्रयास चल रहे है। श्री पण्डा नें इस कार्य को भी 30 जून तक पूरा किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने शेष बचे 28 कारागारों में भी इसी वित्तीय वर्ष में आर0ओ0 प्लांट शीघ्र स्थापित कराये जाने के निर्देश दिये है। बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि बंदियो के स्वास्थ्य परीक्षण एवं उनके बेहतर उपचार के लिये डाक्टरों के नियमित भ्रमण की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
प्रमुख सचिव, गृृह एवं कारागार ने उत्तर प्रदेश जेल मेनुअल के संशोधित ड्राफ्ट को यथाशीघ्र लागू किये जाने के लिये लम्बित औपचारिक्ताओं को शीघ्र पूरा किये जाने के लिये भी कहा है। कारागार विभाग द्वारा ई-प्रिजन योजना को क्रियान्वित किये जाने हेतु बंदियो की मुलाकात की पर्ची के सम्बन्ध में 5 रूपये की प्रस्तावित धनराशि की भी बैठक में अनुमति प्रदान की गई। प्रदेश के 12 संवेदनशील कारागारों में जैमर लगाये जाने वाले कार्य को समयबद्व रूप से पूरा किये जाने तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी 12 कारागारों मे भी जैमर की स्थापना हेतु जरूरी कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये है।
बैठक मंे बताया गया कि प्रदेश के कारागारों में सुरक्षा व्यवस्था एवं आंतरिक संचार प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने हेतु 35 कारागारों में डोरफ्रेम@हैण्डहेल्ड मेटल डिटेक्टर उपकरणों की व्यवस्था करा दी गई है तथा शेष 32 कारागारों में इसी वित्तीय वर्ष में इन उपकरणों की स्थापना शीघ्र सुनिश्चित की जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश के 10 कारागारो में एफजी-1 मेटल पोल डिटेक्शन सिस्टम की स्थापना करा दी गई है तथा 20 अन्य कारागारो में इन उपकरणों की स्थापना 30 जून तक कराने के निर्देश दिये गये है। प्रदेश के शेष 37 कारागारों में भी इन उपकरणों की व्यवस्था शीघ्र किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
बंदियो की रिमान्ड की कार्यवाही वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कराये जाने हेतु प्रदेश के न्यायालयों एवं कारागारों मंे वीडियों कान्फ्रेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध कराये जाने तथा नई जेलों के लिये जरूरी स्टाफ, कारागारों में बंदियो के भोजन की स्वच्छता एवं गुणवत्ता हेतु रसोई घरों के आधुनिकीकरण किये जाने की कार्यवाही, पी0सी0ओ0 एवं कैटीन की स्थापना आदि की दिशा में भी हुई प्रगति की विस्तार से समीक्षा बैठक में की गयी।