नई दिल्ली: आर्थिक संकट (Economic Crisis) के कारण कर्ज में डूबी एयरलाइन जेट एयरवेज (Airline jet airways) के जमीन पर खड़े हो जाने के बाद उसके कमचारियों पर मुसीबत आ पड़ी है। Jet Airways के 22000 इंप्लॉइज के अनिश्चित भविष्य को लेकर बैंक यूनियन्स ने उन्हें स्पेशल लोन (Special loan) दिए जाने का सुझाव दिया है। इसका मकसद सैलरी न मिलने से इंप्लॉइज के समक्ष पैदा हुए वित्तीय संकट से राहत प्रदान करना है। जानकारी दें कि पिछले सप्ताह बैंक यूनियन्स (Bank unions) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को लेटर लिखकर मांग की थी कि सरकार जेट एयरवेज का टेक ओवर (Take over) कर ले ताकि इंप्लॉइज की नौकरी बनी रहे।
1 महीने की सैलरी देने के लिए लगभग 170 करोड़ रुपये की जरूरत
हालांकि इंडियन बैंक एसोसिएशन (Indian Bank Association) को लिखे एक लेटर में यूनियन ने बैंक लॉबी (Bank lobby) से अपील की है कि वे मेंबर बैंकों को एक स्पेशल लोन स्कीम लाने को कहे। ताकि जेट एयरवेज (Jet Airways) के स्टाफ (staff) को उनकी वित्तीय परेशानी (Financial problem) से राहत मिल सके। वहीं यूनियन्स का यह भी सुझाव है कि बैंक स्पेशल और एक्सक्लूसिव लोन (Exclusive Loan) को उचित कोलेटरल पर जेट एयरवेज के लिए एक्सटेंड कर सकते हैं ताकि उनकी बकाया सैलरी या गुजारे के लिए कुछ पेमेंट दिया जा सके। जेट एयरवेज के चीफ एग्जीक्यूटिव विनय दुबे (Binay dubey) ने शनिवार को कहा था कि जेट स्टाफ (Jet staff) की कम से कम 1 महीने की सैलरी देने के लिए लगभग 170 करोड़ रुपये की जरूरत है।
इस बात की जानकारी दें कि पिछले हफ्ते लेंडर्स (Lenders) ने जेट एयरवेज (Jet Airways) को 400 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग देने से मना कर दिया था। इसके बाद जेट ने अपनी उड़ानें बंद करने की घोषणा की। जबकि कंपनी पिछले 25 सालों से ऑपरेशनल (Operational) थी।
बैंकों का 8500 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया
ये भी बता दें कि जेट एयरवेज (Jet airways) को बैंकों (bank) का 8500 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया चुकाना है। साथ ही इस पर वेंडर्स (Vendors), एयरक्राफ्ट लेसर्स (Aircraft lasers) और इंप्लॉइज की सैलरी मिलाकर 4000 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके अलावा पैसेंजर्स के भी विमानन कंपनी पर हजारों करोड़ का रिफंड भी बकाया है। source: goodreturns.in