दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेट एयरवेज में जारी संकट को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित समाधान की मांग करने वाली एक याचिका पर बुधवार को सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने कहा कि इस पर अब एक मई को सुनवाई होगी।
आवेदन उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता बिजॉन के. मिश्रा ने दाखिल किया था, जिन्होंने इससे पहले देश की विभिन्न एयरलाइंस के किराये की अधिकतम सीमा तय करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी, जो अदालत के सामने लंबित है।
याचिकाकर्ता ने सोमवार को दायर अंतरिम आवेदन में दावा किया है कि जेट एयरवेज की सेवा अचानक रद्द होने से यात्रियों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने अपनी याचिका में सरकार को यात्रियों के टिकट का पूरा रिफंड एक उचित मुआवजा के साथ करने अथवा यात्रियों को उनके गंतव्य के लिए वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था करने का निर्देश देने की मांग की है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशांक देव सुधी ने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के 100 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिससे यात्रियों को अपने पूर्व निर्धारित कार्यालय संबंधी व व्यक्तिगत जरूरी कामों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य एयरलाइंस में जल्द यात्रा या सीट का विकल्प तलाशने के कारण अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई है।
न्यूज स्त्रोत आईएएनएस & समाचार नामा