देहरादून: जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) ने पहली बार लाॅ में प्रतिष्ठित क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग 2020 में स्थान हासिल कर इतिहास रचा है। इसने बहुत कम समय में करीब एक दषक में ही यह वैश्विक पहचान हासिल की है।
जेजीएलएस को दुनिया भर में रैंक हासिल करने वाले सभी लॉ स्कूलों में 101-150 बैंड में स्थान दिया गया है, जबकि नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरु को 151-200 बैंड में स्थान दिया गया है।
क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग 2020 को क्वैक्वेरेली साइमंड्स द्वारा लंदन से अभी जारी किया गया है। भारत के केवल दो लॉ स्कूलों नेे लॉ सब्जेक रैंकिंग में रैंक हासिल किया है, जिनमें जेजीएलएस ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।
क्यूएस क्वैक्वेरेल के क्षेत्रीय निदेशक श्री अश्विन फर्नांडीस ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि पहली बार, लाॅ विशय के आधार पर क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में, हम न केवल एक युवा संस्थान है – बल्कि यह भी कि यह भारत में शीर्ष संस्थान भी है। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को लॉ में 101-150 रेंज में स्थान दिया गया है, जबकि भारत में यह पहले स्थान पर रहा है। इसने भारत के प्रतिश्ठित नेषनल लाॅ स्कूल आॅफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु को 151-200 रेंज में पीछे छोड़ दिया, जिसने भारत में दूसरी रैंक हासिल की है।” लाॅ में क्यूएस सब्जेक्ट रैंकिंग शैक्षणिक समुदाय और नियोक्ताओं से मिली प्रतिष्ठा के साथ-साथ विषेशकर लाॅ में अनुसंधान के क्षेत्र में संस्थानों की वैश्विक प्रासंगिकता को मापता है। इसकी कार्यप्रणाली विषय के प्रति संवेदनशील है और विशेष रूप से वैसे विश्वविद्यालयों या संस्थानों पर केंद्रित है जिनका लाॅ पर अधिक फोकस है। इसलिए केवल सर्वश्रेष्ठ 300 लाॅ स्कूल विश्व स्तर पर इस सूची में जगह बना पाते हैं।”
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के बेनफैक्टर और फाउंडर चांसलर श्री नवीन जिंदल ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह वास्तव में जेजीयू और जेजीएलएस के इतिहास में एक सुनहरा दिवस है। भारत में नंबर 1 लॉ स्कूल के रूप में जेजीएलस की मान्यता और विषय के आधार पर प्रतिष्ठित क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 द्वारा दुनिया में शीर्ष 150 में शामिल होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। जेजीयू के कुलपति, संकाय सदस्यों, छात्रों और उन कर्मचारियों को मेरी बधाई, जिनके एक दशक से अधिक के अथक प्रयासों के कारण इसे यह अद्भुत पहचान मिली है। हमने अपने पिता श्री ओ.पी. जिंदल को श्रद्धांजलि के रूप में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) की स्थापना की, जो शिक्षा की परिवर्तन पैदा करने की शक्ति और राष्ट्र निर्माण पर इसके प्रभाव पर गहरा विश्वास करते थे। हमारा विजन भारत में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की थी जो भारत और विश्व के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करे। सच्चाई यह है कि जेजीयू और जेजीएलएस ने सिर्फ एक दशक में यह शानदार प्रतिष्ठा और वैश्विक मान्यता हासिल की है जिसने हमें असीम संतुष्टि प्रदान की है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह परोपकार की शक्ति और संस्थान निर्माण और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका को पुष्ट करता है।”
इस सम्मान पर खुषी जताए हुए जेजीयू के वाइस चांसलर प्रो. राज कुमार ने कहा, ‘‘ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का जन्म इस दृश्टि से हुआ था कि भारत में ऐसे विष्वविद्यालय होने चाहिए जहां विष्व स्तरीय षिक्षा प्रदान की जाती हो और जो संकाय, शिक्षा, अनुसंधान, सहयोग और बुनियादी ढांचे के मामले में विश्व में सर्वश्रेष्ठ विष्वविद्यालय का मुकाबला कर सके। जेजीयू संस्थान निर्माण में उत्कृश्टता को बढ़ावा देने की अथक कोषिष में लगा है।
जेजीयू के लिए यह ‘‘असाधारण और अभूतपूर्व’’ संस्थागत क्षण है कि जिंदल ग्लोबल लाॅ स्कूल ने पहला स्कूल बनने – भारत में पहले नम्बर का दर्जा हासिल करने तथा विष्व में षीर्श 101-150 संस्थानों में षामिल होने का गौरव हासिल किया है। यह उपलब्धि हमारे संस्थापक और समाजसेवी, श्री नवीन जिंदल के दूरदर्शी नेतृत्व और उदारता, हमारे शिक्षकों और कर्मचारियों की जबर्दस्त प्रतिबद्धता और उनके समर्पण, हमारे छात्रों और उनके माता-पिता की ओर से हमारे प्रति दिखाए गए विष्वास तथा सरकारी एजेंसियों एवं नियामक संस्थानों द्वारा हमेषा दिए गए समर्थन एवं प्रोत्साहन के कारण संभव हुआ। जेजीयू के सभी स्कूल वैश्विक मान्यता और संस्थागत प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए इसी मार्ग पर अग्रसर है।‘‘
इस महत्वपूर्ण विकास का स्वागत करते हुए, जेजीयू के रजिस्ट्रार प्रो. वाई. एस. आर. मूर्ति ने कहा, ‘‘जेजीएलएस के स्नातक विभिन्न फर्मों, लॉ फर्मों, निगमों, शिक्षाविदों, मुकदमों, अनुसंधान संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और कई अन्य लोगों के बीच अपनी पहचान बना रहे हैं। वे जेजीयू मे प्राप्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संपर्कों की बदौलत अपने भाग्य के खुद निर्माता बन रहे हैं। मैं जेजीएलएस के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी अनेक षैक्षिक गतिविधियां चलाने के लिए, जेजीएलएस के साथ साझेदारी करने के लिए भारत एवं विदेष के सभी षैक्षिक साझेदारों को धन्यवाद देना चाहता हू।। यह जेजीयू और जिन्दल ग्लोबल लाॅ स्कूल के ऐतिहासिक सम्मान का दिन है। मैं जेजीयू समुदाय के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं। यह मान्यता हमें कड़ी मेहनत करने और उच्च उद्देश्य के लिए प्रेरित करेगी।”
रैंकिंग, बेंचमार्किंग और संस्थागत परिवर्तन (ओआरबिआईटी) कार्यालय का निर्देशन करने वाले प्रो. आशीष भारद्वाज और प्रो. अर्जया मजूमदार ने कहा, ‘‘भारत में नंबर एक लॉ स्कूल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के साथ जेजीएलएस ने ऐसी स्थिति प्राप्त कर ली है कि वह न्यायसंगत, समावेशी और लोकतांत्रिक समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान कर सके।’’
इस वर्ष के लिए विषय क्षेत्र द्वारा क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रदान करने के लिए क्यूएस ने 22 मिलियन से अधिक कागजात का विश्लेषण किया, 200 मिलियन उद्धरण तैयार हुए, 159 स्थानों पर पांच व्यापक श्रेणियों में 48 विशयों में 1,368 संस्थानों को श्रेणीबद्ध किया गया और यह इन विशयों में रैकिंग देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेंचमार्क किए गए इस उपक्रम के पीछे के पैमाने को दर्शाता है। सभी विषयों में भारत से 165 संस्थानों, संयुक्त राज्य अमेरिका से 441, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस से 502 और चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से 360 संस्थानों पर विशय वार आधार पर इस क्यूएस रैंकिंग 2020 के लिए विचार किया गया।
जेजीयू ने सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन और कला और मानविकी के दो व्यापक क्षेत्रों के भीतर 7 विषयों में स्कोर किया। इन 7 विषय क्षेत्रों में अर्थशास्त्र, कानून, राजनीति, सामाजिक नीति, समाजशास्त्र, कला और डिजाइन और मंचीय कला शामिल हैं। कड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के बावजूद, जेजीएलएस ने कानून विशय क्षेत्र में बहुत उच्च स्कोर किया। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन रैंकिंग में कुल 894 लॉ स्कूलों को क्यूएस द्वारा योग्य माना गया था, जिनमें से केवल 300 को रैंक दिया गया था। जेजीयू को दुनिया भर में षीश 150 संस्थानों में षामिल किया गया तथा भारत में पहला स्थान दिया गया।
इन रैंकिंग (कुल 894) में दुनिया भर के जितने लाॅ स्कूलों पर विचार किया गया उनकी संख्या अन्य विशयों में विचार किए गए स्कूलों से काफी अधिक है – नर्सिंग (628), एंेथ्रोपाॅजली (461), एनाटॉमी (680), राजनीति (723), फिलाॅस्फी (746), इतिहास (695), डेवलपमेंट स्टडीज (613) और खेल (581) और यह दुनिया भर के लाॅ स्कूलों के बीच की कड़ी प्रतिस्पर्धा को उजागर करता है।
उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाला रैंकिंग पैरामीटर ‘‘जेजीएलएस की नियोक्ता प्रतिष्ठा’’ है। रैंकिंग के ‘सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन’ क्षेत्र के भीतर, नियोक्ता प्रतिष्ठा को 30 प्रतिषत का बहुत अधिक महत्व प्रदान किया गया है।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के बारे में
भारत सरकार ने जेजीयू को ‘‘इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस’’ (आईओई) के रूप में मान्यता दी है। आईओई एकमात्र गैर-एसटीईएम ओर गैर-चिकित्सा विश्वविद्यालय है जिसे आईओई के रूप में मान्यता दी गई है। 2009 में स्थापित, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त एक गैर-लाभकारी वैश्विक और अनुसंधान <span style=”font-family:”Nirmala UI”,s