नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने जोर देकर कहा है कि जम्मू और कश्मीर के दो संघ शासित प्रदेशों में पुनर्गठन से समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा और सीमा पार से आतंकवाद के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
सिएरा लियोन की राजधानी फ्रीटाउन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारत का एक पड़ोसी देश इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को मदद देकर, उकसाकर और आर्थिक सहायता देकर क्षेत्र में गड़बड़ी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री नायडू ने कहा कि आतंक से जुड़ी घटनाओं में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। उन्होंने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और विश्व समुदाय से आग्रह किया कि वह उन देशों को अलग-थलग करने के लिए एकजुट हों, जो आतंकवाद को प्रायोजित कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करें कि इस तरह की गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता देने पर रोक लगे।
जम्मू-कश्मीर पर हो रहे नकारात्मक प्रचार पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे सही तस्वीर प्रस्तुत करके दुष्प्रचार से प्रभावी तरीके से निपटें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि दुष्प्रचार को रोकने के लिए अभियान चलाया जाए।
श्री नायडू ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन का हाल का फैसला इस क्षेत्र को सभी विकास कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाने और राज्य के समग्र और चहुंमुखी विकास के इरादे से किया गया है।
संसद के दोनों सदनों द्वारा जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन से जुड़े प्रस्ताव को भारी बहुमत से पारित कर देने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग और निहित स्वार्थों से जुड़े कुछ लोग सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1952 से राज्य की जनता स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में नेताओं को चुन रही है। तथापि अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों के कारण बहुत से कार्यक्रम राज्य की जनता तक नहीं पहुंच पा रहे थे। उन्होंने कहा,‘संसद की मंजूरी लेने की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपनाकर सरकार ने साहासिक निर्णय किया है।’
श्री नायडू ने प्रवासी भारतीयों को याद दिलाया कि भारत दुनिया के सबसे सहिष्णु और संयुक्त लोकतांत्रिक देशों में से एक है, जहां अल्पसंख्यकों सहित सभी समूहों के हितों का हमदर्दी और गहरे परिप्रेक्ष्य में ध्यान रखा जाता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश और रक्षा बलों के प्रमुख को सबसे प्रमुख अल्पसंख्यक समूह से निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि हम विचारों, अभिव्यक्ति और कार्य प्रणाली में एकता में अनेकता, बहु भाषावाद और अनेक धर्मों की तस्वीर पेश करते हैं।
भारत के विकास की गाथा की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। लोकतंत्र, मांग और जनसांख्यिकी के अलावा- आप लोग, प्रवासी भारतीय भारत के विकास के प्रमुख संचालक हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने व्यवसाय, सामाजिक उद्यमों और सांस्कृतिक संबंधों के लिए अनेक अवसरों की पेशकश की है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से भारत की बदलाव यात्रा में सूचना भागीदार और निवेशक के रूप में शामिल होने का आग्रह किया। उद्यम और युवाओं के अविष्कारों ने भारत को दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप परितंत्र बना दिया है।
यह कहते हुए कि भारत तेजी से दुनिया का लोकप्रिय निवेश स्थल बन रहा है। श्री नायडू ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि वे एक ऐसे सेतु का निर्माण करें, जो उनकी मातृ भूमि को उस भूमि से जोड़े, जिसे उन्होंने रहने के लिए चुना है। उन्होंने कहा,’आप लोगों को दोनों देशों के विकास में योगदान देना चाहिए और सच्ची भारतीयता की खुशबू फैलानी चाहिए, जो अन्य लोगों का ध्यान रखने वाली और आपकी समृद्धि को साझा करने वाली है।’
उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि सिएरा लियोन में भारतीय समुदाय की संख्या हालांकि कम है, लेकिन वह द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था तथा समाज के लिए अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ‘यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि भारतीय व्यावसायिक समुदाय को बेहद सम्मान मिला हुआ है। आज भारतीयों के कौशल और पेशवरों की यहां तथा दुनिया के अन्य हिस्सों में काफी मांग है।’
उपराष्ट्रपति ने भारतीय संस्कृति और परम्परा को आगे बढ़ाने तथा विभिन्न त्योहारों को मनाने के लिए भारतीय समुदाय की प्रशंसा की। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि वे अपनी रिहायश वाले देश के नियमों का पालन करें।
श्री नायडू ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और प्रवासी भारतीयों की जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रीटाउन में एक उच्चायोग स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एक नीतिगत फैसला किया है कि वह अफ्रीकी देशों पर अधिक ध्यान देगी और उनके साथ संबंधों को और मजबूत बनाएगी।
कोमोरोज और सिएरा लियोन की सोमवार को अपनी यात्रा की समाप्ति पर दिल्ली रवाना होने से पूर्व उपराष्ट्रपति ने सिएरा लियोन गणराज्य की नेशनल असेम्बली के स्पीकार श्री अब्बास चेरनोर बूंदी के साथ विचार-विमर्श किया।
भारतीय संसद और खुद की ओर से सिएरा लियोन के स्पीकर और सांसदों को बधाई देते हुए, श्री नायडू ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सिएरा लियोन अफ्रीका का एक सफल लोकतंत्र था। उन्होंने कहा, “वास्तव में हमारे लोकतंत्रों और संसदीय प्रणालियों और प्रक्रियाओं को साझा करने और उनसे लाभ उठाने के लिए बहुत कुछ है”।
दोनों देशों के सांसदों के बीच छिटपुट कार्यों का उल्लेख करते हुए, श्री नायडू ने सहयोग को मजबूत करने और अनुभवों को साझा करने के लिए सांसदों के नियमित आदान-प्रदान का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि भारत ब्यूरो ऑफ़ पार्लियामेंट्री स्टडीज़ एंड ट्रेनिंग (बीपीएसटी) में आईटीईसी क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत सिएरा लियोन संसद के विधायी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा, जो विधायी आलेखन में हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। उपराष्ट्रपति ने सिएरा लियोन के स्पीकर को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।
उपराष्ट्रपति के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार बाल्यान, राज्यसभा सदस्य श्री रामविचार नेताम और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।