देहरादून: पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी की अध्यक्षता में विधानसभा के सभागार में जलनिगम, जल संस्थान एवं स्वजल योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
पेयजल मंत्री द्वारा अपर सचिव पेयजल को निर्देश दिये गये कि जिन योजनाओं में 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। उन योजनाओं में वांछित अवशेष धनराशि शीघ्र जारी कर दी जाय। ताकि योजनाओं का लाभ शतप्रतिशत लाभार्थियों को शीघ्र मिल सकें। इस क्रम में पेयजल मंत्री ने आवंलाघाट पेयजल योजना हेतु रू0 15 करोड़, डीडीहाट पेयजल येाजना हेतु वांछित धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह को दिये। उन्होंने पौड़ी के अधिशासी अभियन्ता से भैरवगढी पेयजल योजना की अद्यतन जानकारी प्राप्त करते हुए योजनाआंे निर्माण में शीघ्रता करने के निर्देश दिये। पेयजल मंत्री ने रिखणीखाल (पौड़ी) पम्पिंग पेयजल योजना की डी0पी0आर0 शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिये तथा जनपद चम्पावत की बारी ब्लाॅक पेयजल योजना, जनपद टिहरी की माणिकनाथ पेयजल योजना तथा हिण्डोलाखाल पुनर्गठन पेयजल योजना तथा भरपूर (देवप्रयाग) पुनर्गठन पेयजल योजना की डी0पी0आर0 स्वीकृति हेतु शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। नमामि गंगे योजना की समीक्षा के दौरान पेयजल मंत्री द्वारा राज्य सरकार का पांच करोड़ का अशंदान शीघ्र अवमुक्त करने के निर्देश दिये गये । ज्ञातव्य है कि नमामि गंगे योजना में केन्द्राश्ंा सात करोड़ जारी हो चुके है। प्रबन्ध निदेशक जलनिगम इन्जीनियर भजन सिंह ने बताया कि योजना में 100 करोड़ के सापेक्ष अब तक 87 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुके है, जिसमें राज्यांश शामिल है।
विद्यालयों में पेयजल संयोजन की समीक्षा के दौरान मुख्य महाप्रबन्धक जल ंसस्थान द्वारा अवगत कराया गया, कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 452 विद्यालयों में पेयजल संयोजन का प्रस्ताव स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष अब तक 411 विद्यालयों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। पेयजल मंत्री ने इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए निर्देश दिये कि कोई भी विद्यालय पेयजल सुविधा से वंचित नहीं रहना चाहिए, उन्होंने इस योजना में वंचित धनरशि जारी करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल को दिये। पेयजल मंत्री ने जनपदों में आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं के लिए स्वीकृत धन को बहुत कम बताते हुए मुख्य सचिव उत्तराखण्ड से दूरभाष आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं मंे जल संस्थान एवं जलनिगम द्वारा तैयार प्रस्ताव में अधिक से अधिक धनराशि जारी कराने के निर्देश पर मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह द्वारा जलनिगम तथा जल संस्थान के शीर्ष अधिकारियों को प्रस्ताव सहित बुलाया गया, पेयजल मंत्री द्वारा ैवसंत क्नमस च्नउचे की स्थापना हेतु 27 करोड़ रू0 की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कतिपय् योजनाओं का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये। पेयजल निगम द्वारा पूर्ण की गई 106 पेयजल योजनाओं को जल संस्थान को हस्तांतरित करने के निर्देश दिये, तथा 10 दिन में योजनाओं का संयुक्त निरीक्षण कर जल संस्थान को अधिग्रहण के निर्देश दिये।
पेयजल मंत्री द्वारा विश्व बैंक पोषित 910 करोड़ नगरीय पेयजल योजनाओं की सुदृृढीकरण की परियोजनाओं को सैद्वान्तिक स्वीकृति हेतु सहमति दी गई, तथा एस0सी0पी0 एवं टी0एस0पी0 परियोजना हेतु ैॅ ैड द्वारा धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने सहमति दी गई।
पेयजल मंत्री द्वारा जिला योजना, राज्य योजना, विश्व बैंक कार्यक्रम, जलोत्सरण योजनाओ के निर्माण की प्रगति, हैण्डपम्प अधिष्ठापन निगम एवं संस्थान द्वारा संचालित योजना, फालोआॅन प्रोजेक्ट, पेयजल श्रोतो के सम्बद्र्वन एवं संरक्षण व चाल-खाल योजना, स्वच्छ भारत अभियान एवं विभिन्न श्रोतों से एस0 डब्ल्यू0एस0एम0 में उपलब्ध धनराशि के उपयोग पर विषयक पर समीक्षा बैठक की गयी हैं।
बैठक में निदेशक स्वजल आशीष जोशी, अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह, मुख्य महाप्रबन्धक जलसंस्थान इन्जीनियर एस0 के0 गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक जलनिगम भजन सिंह तथा विशेष कार्यधिकारी जी0डी0 रतूड़ी सहित समस्त जनपदों के अधिशासी अभियन्ता उपस्थित थे।