नई दिल्ली: रूस के आर्थिक विकास मंत्री श्री मक्सिम ऑरेश्किन और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार की अध्यक्षता में सेंट पीटर्सबर्ग में 25-26 नवंबर, 2018 को आयोजित प्रथम भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता के परिणामों के बाद संयुक्त वक्तव्य का पूर्ण मूल पाठ निम्नलिखित है।
- 5 अक्टूबर, 2018 को नई दिल्ली में 19 वें वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान नीति आयोग और रूस के आर्थिक विकास मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन में अनुबद्ध समझौतों के तहत, 25-26 नवंबर, 2018 को सेंट पीटर्सबर्ग में भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता (आईआरएसईडी) का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता रूस के आर्थिक विकास मंत्री श्री मक्सिम ऑरेश्किन और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने की।
- प्रथम भारत-रूस सामरिक आर्थिक वार्ता की बैठक, सहयोग के पांच मुख्य क्षेत्रों – अर्थात परिवहन अवसंरचना एवं प्रौद्योगिकियों का विकास; कृषि और कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास; लघु और मध्यम व्यापार सहायता; डिजिटल परिवर्तन और सीमा प्रौद्योगिकियां; औद्योगिक सहयोग और व्यापार पर केंद्रित थी। इस बैठक का आयोजन द्विपक्षीय व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग में सुधार लाने के आशाजनक क्षेत्रों की पहचान करने तथा राष्ट्रीय कार्यक्रमों के प्रारूप में संयुक्त परियोजनाओं को परिभाषित करने के लिए के उद्देश्य से किया गया था। विचार-विमर्श भारत-रूस संबंधों की मैत्रीपूर्ण और सहयोगपूर्ण विशेषता से भरपूर वातावरण में हुआ। आईआरएसईडी में दोनों पक्षों के संघीय और क्षेत्रीय अधिकारियों, शैक्षणिक और व्यावसायिक समुदायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
परिवहन अवसंरचना एवं प्रौद्योगिकियों का विकास
3. दोनों पक्षों ने इस बात पर ध्यान दिया कि भारत और रूस के बीच मल्टी- मॉडल परिवहन संपर्क प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के लिए, दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के फ्रेमवर्क में कार्गो-मूवमेंट मॉनिटरिंग तथा उसके अबाधित और सुरक्षित सीमा पार करने के लिए डिजिटल प्रलेखन और उपग्रह प्रौद्योगिकियों की प्रणाली विकसित करने पर सहमति प्रकट की।
4. दोनों पक्षों ने भारत में जलमार्गों, सड़कमार्गों, रेलवे, हवाई अड्डों के विकास से जुड़ी परियोजनाओं में भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) तथा रूस के रश्यिन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के सहयोग से रूसी निवेशकों की भागीदारी की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
5. विशेष रूप से, दोनों पक्षों ने शेलो ड्राफ्ट जहाजों के निर्माण और इंजन प्रौद्योगिकी के विकास की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की, साथ ही साथ जहाज निर्माण और स्पेशल टेक्नो पार्क/औद्योगिक गलियारों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया।
कृषि और कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास
6. भारतीय पक्ष ने कृषि, वस्त्र और हीरे जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बाजारों तक पहुंच के मुद्दों को हल करने के लिए एक कार्यसमूह की स्थापना का सुझाव दिया।
7. कृषि में व्यापार बढ़ाने के लिए, दोनों पक्षों ने रूस से निम्नलिखित जिन्सों : गेहूं, फलियां और सूखी सब्जियां, सूरजमुखी और रेपसीड तेल तथा भारत से मांस, पोल्ट्री और डेयरी उत्पाद की आपूर्तियां बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की ।
8. दोनों पक्षों ने भारत में कृषि-प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों, विशेष रूप से सब्जियों, फलों और समुद्री उत्पादों में रूसी निवेश को आकर्षित करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
9. दोनों पक्षों ने कृषि विश्वविद्यालयों में नामांकित छात्रों की संख्या में कमी पर गौर किया। इसे हल करने के लिए, दोनों पक्ष कृषि क्षेत्र में छात्रों और उच्च–योग्यता प्राप्त कर्मियों के आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने, संयुक्त परियोजनाओं और अनुसंधानों के कार्यान्वयन पर सहमति प्रकट की।
लघु और मध्यम व्यापार सहायता
10. दोनों पक्षों ने इस बात पर गौर किया कि लघु और मध्यम व्यापार को मिलने वाली सहायता की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक संयुक्त कार्यसमूह के गठन के माध्यम से ज्ञान साझा करने को संस्थागत रूप प्रदान करने और सर्वोत्तम पद्धतियों का आदान-प्रदान आवश्यक है। एसएमई सूचना पोर्टल की स्थापना से इस क्षेत्र में लघु और मध्यम उद्यमों के लिए उपयुक्त जानकारी का प्रसार, साझेदारों की पहचान, ऋण, प्रौद्योगिकी और बाजार तक पहुंच सुगम हो सकती है।
11. दोनों पक्षों ने प्रदर्शनियों की कार्यानुसूची (एक्जीबिशन कैलेंडर) के बारे में जानकारी साझा करने के माध्यम से बी2बी संचार को सुगम बनाने पर सहमति प्रकट की। दोनों पक्षों ने एसपीआईईएफ-2019 के फ्रेमवर्क में लघु और मध्यम व्यापार के विकास के लिए समर्पित व्यापार कार्यक्रम व्यवस्था की संभावनाओं का पता लगाने पर भी सहमति प्रकट की।
12. दोनों पक्षों ने सीमा शुल्क संबंधी बाधाओं को दूर करने तथा छोटे और मझौले उद्यमों द्वारा किए गए निवेश की रक्षा के लिए द्विपक्षीय समझौतों को पूरा करने की आवश्यकता पर गौर किया।
डिजिटल परिवर्तन और सीमा प्रौद्योगिकियां
13. दोनों पक्षों ने संघीय और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर डिजिटल परिवर्तन के विकास के क्षेत्र में विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों: डिजिटल गवर्नेंस (विशेष रूप से ई-गवर्नेंस); स्मार्ट सिटीज, कुशल परिवहन प्रणाली, डिजिटल उद्योग में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
14. दोनों पक्षों ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजीस, वित्तीय प्रौद्योगिकियों, कृत्रिम आसूचना, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व साथ ही साथ इन क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला। भारतीय पक्ष ने स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में पायलट परियोजनाओं पर संयुक्त कार्य व्यवस्था की संभावनाओं पर विचार करने का सुझाव दिया।
15. रूसी पक्ष ने रूस और भारत के विकास संस्थानों और व्यावसायिक संगठनों (आरईसी, वीईबी, ईडीबी,एसआरईआई, नासकॉम, आरयूएसएसओएफटी, आदि) के प्रयासों को संयोजित करने का प्रस्ताव किया।
16. भारतीय पक्ष ने प्रौद्योगिकियों पर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य बी2बी संपर्कों के क्षेत्र, स्थापना और सहयोग के अन्य रूपों में गतिविधियों के समन्वय को प्रोत्साहन देना है।
17. रूसी पक्ष ने रूस, भारत और संबंधित बाजारों के डिजिटल परिवर्तन लीडर्स के प्रशिक्षण के लिए विस्तृत संयुक्त अध्ययन कार्यक्रमों का प्रस्ताव रखा।
औद्योगिक सहयोग और व्यापार
18. दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बाजारों में ऑपरेट करने वाली कंपनियों के समक्ष आने वाली समस्याओं का समयबद्ध तरीके से और कम से कम लागत पर समाधान खोजने के लिए एकल खिड़की” प्रारूप में समर्थन तंत्र तैयार करने के महत्व को रेखांकित किया।
19. दोनों पक्षों ने रूस और भारत में औद्योगिक पार्क बनाने की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति प्रकट की। द्विपक्षीय आधार पर इस तरह के पार्कों के साथ काम करने के लिए संयुक्त प्रबंध कंपनी बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
20. दोनों पक्षों ने स्टार्ट-अप्स तथा वेंचर कैपिटल और अम्ब्रेला फंड्स जैसे नई प्रौद्योगिकियों द्वारा समर्थ नवीन वैकल्पिक निवेश तंत्रों को अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। रूसी पक्ष ने रोड शोज़ आयोजित करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
21. भारतीय पक्ष ने पर्यटक स्थलों के विकास, निवेश क्षेत्रों के सृजन आदि जैसे क्षेत्रों में संयुक्त परियोजना विकास में रूस द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका को रेखांकित किया।
22. समापन सत्र में दोनों पक्षों ने वार्ता के आयोजन और परिणामों पर संतोष प्रकट किया और अपने साझा हितों तथा अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए आईआरएसईडी तंत्र की आवश्यकता का संज्ञान लिया।
23. नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, ने अपने समापन भाषण में रूसी पक्ष के आतिथ्य के लिए उसका आभार प्रकट किया और कहा कि नीति आयोग के भीतर एक भारत-रूस द्विपक्षीय परिषद की स्थापना की जाएगी, जो उपरोक्त कार्यों को आगे ले जाने का काम करेगी। उन्होंने एक समान अधिष्ठान पर विचार करने के लिए एमईडीआर का अनुरोध किया।
24. डॉ. कुमार ने 2019 में जुलाई के अंत / अगस्त की शुरुआत में आयोजित होने वाली दूसरी भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता के लिए रूस के आर्थिक विकास मंत्री श्री मक्सिम ऑरेश्किन को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने बहुत प्रसन्न्ता के साथ स्वीकार कर लिया।