देहरादून: जोत चकबन्दी से जहाॅं काश्तकार को एक मुश्त भूमि मुहैया हो सकेगी वहीं दूसरी ओर सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की योजना को भी पंख लगेंगे, साथ ही पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा। यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा के सभागार में चकबन्दी बंदोबस्त व राजस्व परिषद से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेते हुए कही।
उन्होंने पिछली बैठकों में लिए गये निर्णयों पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई की जानकारी सम्बन्धित अधिकारियों से प्राप्त की। अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि चकबन्दी के लिए डाक्यूमैन्ट्री फिल्म का निर्माण कर लिया गया है, जिसका अनुश्रवण मंत्री जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर पर्वतीय क्षेत्रों के लिए जोत चकबन्दी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 2018 तथा तत्सम्बन्धी प्रस्तावित नियमावली के पुनरावलोकन हेतु गठित समिति ने इस बैठक में बताया कि बैनामा दाखिल खारिज से लेकर खाता खतौनी का मिलान कर गांववासियों की सहमति से चकबन्दी के कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि भूमि को व्यवसायिक रूप में परिवर्तित करने वाले लोगों से 10 प्रतिशत कृषि कर तथा आवासीय प्रयोग वाली भूमि पर 2 प्रतिशत कर लिये जाने का प्रस्ताव किया जाय ताकि कृषि भूमि के दुर प्रयोग पर अंकुश लग सके। उन्होंने सुझाव दिया कि उप जिलाधिकारियों को अधिकार दिये जायें कि गवाहों की तहकीकात व सुनवाई करते हुए जमीन के वास्तविक मालिक का पता लगाया जाय। उन्होंने कहा कि आम आदमी को इसका लाभ मिले इसके लिए जिलाधिकारियों को पट्टे धारकों को उनकी भूमि, भूमिधरी अधिकार के अन्तर्गत निर्गत करने हेतु पत्राचार किया जाय।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक जिलाधिकारी के माध्यम से चकबन्दी कार्य शुरू करने हेतु 8 लेखपाल पटवारी, कानूनगो जैसे कार्मिकों की सूची मंगायी जाय जो कम्प्यूटर कार्य में भी दक्ष हों ताकि ऐसे कार्मिकों को चकबन्दी के सर्वे कार्य करने का प्रशिक्षण भी दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आंशिक एवं स्वैच्छिक चकबन्दी की चिन्हिकरण प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाय। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से लखौली, औण़ी, पंचूर तथा खैरासैंण में चलायी जा रही चकबन्दी कार्यों की अभी तक की गई कार्रवाई की प्रगति की जानकारी ली। बताया गया कि इन गांवों में चकबन्दी समितियों का गठन, खाता-खतौनियों का सत्यापन कर लिया गया है तथा डिजीटल सर्वे का कार्य किया जाना है, यदि डिजीटल सर्वे के लिए मशीनों को खरीदने की आवश्यकता हो तो उनका प्रस्ताव शासन को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जाय। बैठक मे चकबन्दी से जुड़े विभागों के अधिकारियों द्वारा आ रही समस्यों से भी मंत्री जी को अवगत कराया और पर्वतीय क्षेत्रों में चकबन्दी को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने के लिए जिला प्रशासन व शासन को भी इस कार्य में तेजी लानी होगी।
इस अवसर पर कृषि सलाहकार नेत्रमणी मलासी, निदेशक कृषि डाॅ0 गौरीशंकर, निदेशक उद्यान आर.सी.श्रीवास्तव, अपर निदेशक कृषि के.सी.पाठक, प्रभारी राजस्व परिषद विप्रा त्रिवेदी, संयुक्त सचिव कृष्ण सिंह इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।