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भविष्य में सशक्त पहचान के लिए व्यवहारिक शोध की जरूरतः डाॅ. सोलोमन

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: 16 फरवरी, 2016 को भारतीय गन्न अनुसंधान संस्थान, लखनऊ का 65वाँ स्थापना दिवस संस्थान परिसर में मनाया गया।

स्थापना दिवस कार्यक्रम में डाॅ. सुशील सोलोमन, भूतपूर्व निदेशक मुख्य अतिथि थे। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डाॅ. सोलोमन ने स्थापना दिवस पर संस्थान के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों को बधाई देते हुए इस संस्थान को पूरे देश तथा दुनिया में गन्ना शोध एवं विकास के क्षेत्र में सर्वोत्तम संस्थान बताया। साथ ही उन्होंने सभी वैज्ञानिकों से अपील करते हुए कहा कि आने वाले समय में व्यवहारिक शोध की दिशा में और अधिक कार्य करने की जरूरत है जिससे संस्थान चीनी उद्योग में अपनी उपस्थिति व पहचान और अधिक सशक्त कर सके। सिंचाई जल प्रबंधन, कार्बन ट्रैपिंग, जैविक प्रबंधन जैसे ज्वलंत विषयों पर गुणवत्ता पूर्ण शोध करते हुए तकनीक विकास करने का आह्वाहन वैज्ञानिकों से किया। साथ ही उन्होंने संस्थान द्वारा चलाए जा रहे तकनीकी हस्तांतरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए संस्थान की तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डाॅ. सोलोमन ने भविष्य की आवश्यकताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि छोटे किसानों के लिए सस्ता एवं टिकाऊ गन्ना कटाई यंत्र संस्थान को विकसित करना चाहिए साथ ही उत्तर भारतीय गन्ना क्षेत्र का मृदा मैप विकसित करने की जरूरत है जिससे मृदा स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम को समग्र रूप से क्रियान्वित करने में बल मिलेगा। संस्थान के निदेशक डाॅ. ए.डी. पाठक ने इस अवसर पर संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। पिछले पाँच वर्षाें की प्रमुख उपलब्धियों को बताते हुए डाॅ. पाठक ने बताया कि शीघ्र ही गन्ना की दो उन्नत किस्में कोलख 09202 एवं कोलख 09203 खेती के लिए अनुमोदित होने की संभावना है जिससे किसानों के लिए नई किस्मों की उपलब्धता बढ़ जाएगी तथा वे अधिक उत्पादन प्राप्त कर मुनाफा बढ़ा पायेंगे। इस अवसर पर डाॅ. पाठक ने उद्घोषणा किया कि आधुनिक गुड़ उत्पादन तकनीक पर निजी उद्ययमियों के साथ एम.ओ.यू. हुआ है जिससे देश के पूर्वी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता का गुड़ वृहत स्तर पर उपलब्ध हो पायेगा। शरद्कालीन गन्ने के साथ चुकन्दर की अन्तः फसली खेती के तकनीक का विकास संस्थान द्वारा होने से बायो-इथनाॅल के उत्पादन में एक नया आयाम जुड़ गया है। डाॅ. पाठक ने इस अवसर पर चीनी उद्योग, गन्ना किसानों तथा विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी क्षेत्र के प्रति संस्थान के योगदान को उद्धृत करते हुए आगे भविष्य में भी निरन्तर योगदान के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया। संस्थान में प्रसार एवं प्रशिक्षण प्रभारी डाॅ. ए.के. साह ने बताया कि इस वर्ष संस्थान गन्ना एवं चीनी उद्योग के विकास के लिए समेंकित कार्य योजना बनाया है जिसे आने वाले महीनों में क्रियान्वित किया जायेगा। इसके अन्तर्गत मेरा गाँव-मेरा गौरव योजना प्रदेश के विभिन्न जिलों के चैसठ गाँवों में चलाया जा रहा है तथा प्रत्येक गाँव में मृदा जाँच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया जा रहा है। पाँच मार्च 2016 को संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, मोतीपुर, बिहार में गुड़ प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन तथा कृषक प्रशिक्षण भवन का आधारशिला माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह जी रखेंगे।
इस अवसर पर बिहार के किसान, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से गन्ना विकास कार्यकर्ता तथा तकनीकी अधिकारी उपस्थित थे तथा उन्होंने गन्ना उत्पादन के उन्नत तकनीकों पर जानकारी प्राप्त किया। स्थापना दिवस समारोह के समापन पर फसल उत्पादन विभाग के अध्यक्ष डाॅ. एस.के. शुक्ला ने मुख्य अतिथि, आगन्तुकों तथा महेमानों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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