नैनीताल: तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन को उत्तराखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की अधिसूचना केंद्रीय कानून मंत्रालय ने बुधवार को जारी कर दी है। इसके साथ ही मंत्रालय ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश वीके बिष्ट को सिक्किम का मुख्य न्यायाधीश बनाने संबंधी नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत ने बताया कि न्यायाधीशों के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से नियुक्तियां मानी जाएंगी। दोनों मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कोलेजियम की नौ अक्तूबर को की गई संस्तुति के बाद की गई है।
तीन बार उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक सीजे रहे हैं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट
जस्टिस वीके बिष्ट तीन बार उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। जस्टिस बिष्ट का जन्म 17 सितंबर 1957 को गढ़वाल के लैंसडौन के सीकू ग्राम में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लैंसडौन के ही कांसखेत में हुई। उन्होंने पौड़ी से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की और इलाहाबाद से संस्कृत में एमए करने के बाद इलाहाबाद विवि से एलएलबी किया।
1984 में जस्टिस बिष्ट यूपी बार काउंसिल के सदस्य बने। यूपी में वे इलाहाबाद विवि , हायर सेकेंडरी एजुकेशन, रेलवे, वन निगम इत्यादि के अधिवक्ता व लीगल सलाहकार रहे। उत्तराखंड राज्य की स्थापना होने पर वे उत्तराखंड हाईकोर्ट में आ गए। यहां भी वे उत्तराखंड वन विकास निगम, रेलवे आदि के अधिवक्ता रहे। एक जुलाई 2004 को वे सीनियर एडवोकेट नियुक्त किए गए और एक नवंबर 2008 को उत्तराखंड हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए।
जस्टिस बिष्ट के पिता स्व. डीएस बिष्ट कांसखेत इंटर कॉलेज से प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी माता शिवदेवी गृहिणी रहीं। जस्टिस बिष्ट के एक भाई वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी, दूसरे स्वास्थ्य निदेशक व एक भाई आगरा में वरिष्ठ सर्जन व विभागाध्यक्ष रहे। साभार अमर उजाला