देहरादून: विधान सभा के सभा कक्ष में न्यायमूर्ति(से0नि0) राजेश टंडन, अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग की अध्यक्षता में राज्य विधि आयोग की बैठक हुई।
बैठक में उपस्थित विभागीय अधिकारीगणों द्वारा अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत गए। श्री शिवशंकर मिश्रा अनु सचिव चिकित्सा शिक्षा (उत्तराखण्ड शासन) नें यह बताया कि उत्तर प्रदेश भारतीय चिकित्सा संस्था अधिनियम, 1982 यह आयुर्वेद यूनानी से सम्बन्धित हैं । अतः यह नियम उत्तराखण्ड में अभी भी प्रभावित है, यह एक्ट 1982 से सम्बन्धित है। यदि कोई अन्य एक्ट उत्तराखण्ड मंे इससे सम्बन्धित अधिनियम से लागू है, इसकी सूचना आयोग को 16 तारीख को दी जायें।
उत्तर प्रदेश अधिकतम सीमा अधिनियम ‘ 1972 अधिनियम संख्या 33वर्ष 1972 यह अधिनियम समय के अनुसार समाप्त हो चुका है इसकी उत्तराखण्ड में कोई आवश्यकता नही हैं।
दूधी, रार्बट गंज (जिला मिर्जापुर) कृषक ऋण अधिनियम 1951 के सम्बन्ध में श्री डी.के सिंह उप निदेशक कृषि (उत्तराखण्ड शासन) बैठक में उपस्थित हुए। उन्होने बताया कि यह अधिनियम मिर्जापुर के लिए बनाया गया था। अतः उत्तराखण्ड में इसकी कोई आवश्यकता नही है यह निरसन लायक है।
सयुक्त प्रान्त गोरखपुर गोरइत अधिनियम,1919 का अध्ययन करके अगली बैठक में प्रस्तुत करने के लिए पदानुसार बुलाया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकारी आस्थान ठेकेदारी निवाश अधिनियम,1958 का अध्ययन करके अगली बैठक में प्रस्तुत करने के लिए पदानुसार बुलाया गया है।
उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय (प्रबन्ध ग्रहण) अधिनियम 1979) 23 तारीख की बैठक के लिए आयुष विभाग को नोटिस जारी किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश भूमि विकास कर (निरसन) अधिनियम ,1972 बी.एस नेगी जी के द्वारा जिला अधिकारी से रिपोट मंगाकर अगली बैठक में इस सम्बन्ध में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय (प्रशासक की नियुक्ति) कृष्ण सिहं ने बताया कि यह उत्तर प्रदेश 1982 एक्ट है ऐसी कोई एक्ट मुकदमेबाजी एक्ट बनाने लायक नही है यह निरसन लायक है।
1950 ई0 का उ0प्र0 विलिन रियासतों की विधियों का लागू करने का अधिनियम यह एक्ट निकाल कर अगली बैठक में संज्ञान में लाई जायेगी
उत्तर प्रदेश तेन्दु पत्ता (व्यापार विनियम) अधिनियम ,1972सुभाष चन्द्र अपर सचिव वन विभाग ने यह बताया कि तेन्दु पत्ता की अधिकतम पैदावार बुन्देलखण्ड से सम्बन्धित है इसका उत्तराखण्ड से कोई सम्बन्ध नही है।