रूस के राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के योगदान के लिए क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में, उन्हें रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी।
इस पुरस्कार स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे भारत के लोगों और भारत व रूस के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन को समर्पित किया। उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है।
इस पुरस्कार की शुरुआत 300 साल पहले हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता हैं।
आज आयोजित समीक्षा बैठक में केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने डाक विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा की। उनके गतिशील नेतृत्व और मार्गदर्शन में डाक विभाग का लक्ष्य देश और इसके नागरिकों के लाभ के लिए प्रमुख पहलों के माध्यम से सेवा अदायगी में बदलाव लाना और दक्षता बढ़ाना है।
डाक चौपाल: ग्रामीण इलाकों में लोगों के घरों तक सेवाओं की उपलब्धता
एक ऐतिहासिक पहल के तहत, डाक विभाग 100 दिनों में देश भर में 5,000 डाक चौपालों का आयोजन करेगा। इस पहल का उद्देश्य आवश्यक सरकारी और नागरिक-केंद्रित सेवाओं को सीधे ग्रामीण क्षेत्रों में लाना है, जिससे पहुँच और सुविधा में सुधार होगा। डाक चौपाल ग्रामीणों और सरकारी कार्यों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेंगे, जिससे दूरी और पहुँच जैसी बाधाएँ कम होंगी।
डाकघर निर्यात केंद्र (डीएनके): ग्रामीण निर्यात को बढ़ावा देना
डाकघर निर्यात केंद्र योजना छोटे पैमाने के निर्यातकों का समर्थन करके ग्रामीण निर्यात को बढ़ावा देगी। यह पहल दस्तावेज़ीकरण सहायता, बाज़ार की जानकारी, बार-कोड के साथ लेबल की छपाई और दस्तावेज रहित सीमा शुल्क निकासी सहित आवश्यक सेवाएँ प्रदान करती है। ‘एक जिला-एक उत्पाद’ पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए यह योजना, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देगी, जिससे आर्थिक विकास और ग्रामीण विकास में योगदान मिलेगा। विभाग का लक्ष्य 100 दिनों में डाक घर निर्यात केंद्र पोर्टल पर 3000 नए निर्यातकों को शामिल करना है।
मानकीकृत भू-सांकेतिक पता प्रणाली: सेवा अदायगी में क्रांतिकारी बदलाव
डाक विभाग भारत में एक मानकीकृत, भू-सांकेतिक पता प्रणाली स्थापित करने की पहल को आगे बढ़ा रहा है, जिससे सार्वजनिक और निजी सेवाओं की नागरिक-केंद्रित अदायगी के लिए सरलीकृत पता-समाधान सुनिश्चित हो सके। यह ग्रिड-आधारित प्रणाली भू-स्थानिक शासन के एक मजबूत स्तंभ के रूप में काम करेगी, जिससे सार्वजनिक सेवा अदायगी में वृद्धि होगी, आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेज़ी आयेगी और लॉजिस्टिक्स दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
100-दिवसीय कार्य योजना के हिस्से के रूप में, विभाग ने पूरे भारत में अवधारणा का साक्ष्य (पीओसी) परीक्षण शुरू किए हैं, जिसमें 10 गाँव और एक शहर शामिल हैं। ज्ञान समर्थन साझेदारी स्थापित करने के लिए 5 जुलाई, 2024 को राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। तकनीकी सहायता साझेदारी स्थापित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) के साथ एक और समझौता ज्ञापन प्रगति पर है।
इन साझेदारियों का उद्देश्य सटीक मानचित्रण और पता समाधान प्रदान करने के लिए उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञता का लाभ उठाना है, जो अंततः पूरे देश में सेवा अदायगी में क्रांति लाएगा।
रणनीतिक पहलों के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाना
डाक चौपाल, डीएनके योजना और मानकीकृत भू-सांकेतिक पता प्रणाली जैसी पहलों के माध्यम से, डाक विभाग का लक्ष्य देश भर में समावेशी विकास और प्रगति को बढ़ावा देते हुए नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार करना है। ये प्रयास एक विविधतापूर्ण और तेजी से आगे बढ़ते समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए विभाग के सक्रिय दृष्टिकोण और समर्पण को रेखांकित करते हैं।
श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के मार्गदर्शन में, डाक विभाग पहले 100 दिनों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार है। पहुँच और दक्षता को बढ़ाकर, डाक विभाग सामाजिक-आर्थिक प्रगति को उत्प्रेरित करने और देश भर में लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए तैयार है।