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कभी 2 रुपए का बड़ा पाव खाकर बिताई थीं रातें, रवि किशन एक फिल्म की फीस लेते हैं 50 लाख

मनोरंजन

भोजपुरी और बॉलीवुड फिल्मों के एक्टर और बीजेपी नेता रविकिशन ने कहा है कि वे इस बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन चुनाव कहां से लड़ना है, इस बात का फैसला पार्टी करेगी। रवि किशन का मानना है कि भाजपा की लहर है, अगर वे पाताल से भी चुनाव लड़ते हैं तो जीतकर ही आएंगे।

कभी दो रुपए का बड़ा पाव खाकर रात बिताने वाले रवि आज एक फिल्म के लिए 50 लाख फीस लेते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने जा रहे रवि किशन ने इस मुकाम तक पहुंचने काफी संघर्ष किया है। एक नजर रवि के अब तक के सफर पर.

ऐसा रहा रवि का सफर

जौनपुर से मुंबई हुई वापसी

1990 में रवि जब गांव छोड़कर मुंबई आए थे, तब उनके पास न खाने और सिर छुपाने के लिए कोई ठिकाना नहीं था। दो वक्त की रोटी के लिए रोज काम ढूंढते, मिल जाता तो भर पेट खाते, नहीं तो भूखे पेट ही रात बितानी पड़ती। बस का टिकट खरीदने के पैसे भी नहीं होते थे जिसके चलते पैदल जाना पड़ता था। बाद में छोटा-मोटा काम शुरू किया। थोड़े बहुत पैसे कमाए तो मुंबई की एक चॉल में डेरा जमाया। ज्यादात रात के वक्त दो रुपए का बड़ा पाव खाकर ही सो जाया करते थे।

साल भर बाद मिली फिल्म लेकिन चली नहीं

एक साल तक मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1991 में रवि को फिल्म ‘पितांबर’ में काम करने का मौका मिला। हालांकि यह फिल्म कुछ खास नहीं चली। इसके बाद उन्होंने 1994 में काजोल के साथ फिल्म ‘उधार की जिंदगी’ और 1996 में शाहरुख खान के साथ फिल्म ‘आर्मी’ में काम किया। यहां से उनकी लाइफ ठीक-ठाक चलने लगी।

तेरे नाम से मिली पहचान

2003 में रवि को सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ में काम किया। यहां से मुझे पहचान मिली। इस फिल्म में उन्होंने पंडित रामेश्वर का रोल किया था। इसके बाद उन्हें भोजपुरी की पहली फिल्म ‘सईयां हमार’ में काम करने का मौका मिला। रवि किशन अब तक 350 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं।

चुनाव लड़े लेकिन हार गए

इसके पहले रवि किशन 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। तब रवि ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट से कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें यहां जीत नहीं मिली। उन्हें महज 4 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए थे। हालांकि तीन साल बाद ही रवि ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए।

रवि जब 10 साल के थे तब उनका परिवार जौनपुर वापस आ गया। 7 साल तक जौनपुर में रहे। बेहद गरीबी के दौर में उनके पास थोड़ा सा जमीन का टुकड़ा था जिस पर वे खेती करते थे। रवि के अनुसार दीवाली पर मां के लिए साड़ी तक नहीं खरीद पाते थे। उन्हें यह सोचकर गुस्सा आता था कि वे मुंबई में नहीं रह सकते। इसके कारण उन्हें लगता था कि या तो वे मर जाएंगे, पागल हो जाएंगे या फिर गुंडे बन जाएंगे।

रवि ने इसी इंटरव्यू में कहा था- मैं रामलीला में सीता का रोल निभाता था। मुझे पता था कि भगवान के पास मेरे लिए कुछ प्लान है। मेरे पिता चाहते थे कि मैं दूध का बिजनेस करूं तो वे अक्सर मुझे बेल्ट से मारते थे और कहते थे, ये तुम नचनिया क्याें बन रहे हो। जब मैं 17 साल का था तब मेरी मां ने मुझे 500 रुपये दिए और मैं भागकर मुंबई आ गया।

अब 14 करोड़ की प्रॉपर्टी के हैं मालिक

2014 में चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी कुल प्रॉपर्टी 14 करोड़ 02 लाख 89 हजार 942 बताई थी। एफिडेविट के मुताबिक, उनके पास BMW, फॉक्सवैगन पोलो, टोयोटा फॉर्च्यूनर, इनोवा, मर्सिडीज बेंज, ऑडी A6 से लेकर 16 लाख की हार्लेडेविडसन बाइक भी है। Source News India Live

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