देश को हिलाकर रख देने वाले कठुआ गैंगरेप व हत्याकांड काफैसला 10 जून को सुनाया जाएगा। इससे पहले 4 जून को फैसला आने की संभावना जताई गई थी। डिफेंस कौंसिल के वकील एके साहनी ने मीडिया को वीडियो जारी करके संभावना जताई थी कि केस में फैसला 4 जून को आ सकता है। उन्हें जानकारी मिली थी कि केस की सुनवाई कर रहे जिला एवं सेशन जज डॉ. तेजविंद्र सिंह ने फैसले के लिए शायद 4 जून की तिथि निर्धारित की है। साहनी ने कहा कि यह वह मामला है, जिसके फैसले का देशवासियों को इंतजार है।
जानिए, केस में शुरू से अब तक क्या कैसे हुआ
जम्मू के कठुआ में गांव रसाना की 8 साल की बच्ची 10 जनवरी 2018 को लापता हो गई थी। बच्ची को काफी तलाशने के बाद पिता ने 12 जनवरी को हीरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। लापता होने के 7 दिनों बाद 17 जनवरी को जंगल में बच्ची की लाश क्षत-विक्षत हालत में मिली।
बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। बच्ची खानाबदोश मुस्लिम समुदाय से थी। उस बकरवाल समुदाय से, जो कठुआ में अल्पसंख्यक है। बच्ची के साथ हुई हैवानियत के विरोध में परिजनों ने प्रदर्शन किया और हाईवे जाम कर दिया। 18 जनवरी को एक आरोपी का सुराग लगा और उसे दबोच लिया गया।
आरोपी से पूछताछ के बाद सभी आरोपियों का सुराग लग गया। मामले में आठ आरोपी हैं- मंदिर का संरक्षक सांझी राम, उसका बेटा विशाल और भतीजा, एसपीओ सुरेन्द्र कुमार, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और प्रवेश कुमार। 22 जनवरी को पुलिस ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। इस बीच कुछ लोग आरोपियों के पक्ष में खड़े हो गए। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (जम्मू) भी इस आंदोलन में शरीक हो गया। नतीजतन 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई। फिर क्राइम ब्रांच ने 10 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की। source: oneindia
Pathankot, Punjab: Trial over in Kathua (J&K) rape and murder case. Judgement to be pronounced on June 10 at 10 am.
— ANI (@ANI) June 3, 2019