कल 16 जून शनिवार को पुष्य नक्षत्र है। जो कल 16 जून को दोपहर 12.35 से पुष्य नक्षत्र प्रारम्भ होगा, जो अगले दिन 17 जून रविवार को प्रातः काल 10.55 तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में किया गया कोई भी शुभ कार्य या तरीका जल्दी फल प्रदान करता है । शनि पुष्य नक्षत्र में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए निम्न तरीकों में से कोई 1 तरीका करें। शनि देव की कृपा मिलेगी।
शनि देव के तरीका : किसी विद्वान् ज्योतिषी की सलाह पर सवा पांच रत्ती का नीलम या उपरत्न (नीली) सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में अभिमंत्रित करवा कर सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनें । इसके अतिरिक्त शनि पुष्य पर व्रत रखें व चींटियों को आटा डालें । शनि पुष्य पर जूते, काले कपड़े, अन्न और लोहे के बर्तन दान करने से भी फायदा होता है । इसके अतिरिक्त शनि की कृपा पाने के लिए किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि मंत्र- ऊँ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम : के 23000 जाप करें या करवाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं व कष्टों को हरते हैं ।
शनिदेव का अभिषेक सरसों के ऑयल से करें और 108 दीपकों से आरती करने से शनि देव की कृपा बनी रहती है । एक अन्य इस्तेमाल यह भी है कि शनि पुष्य पर चोकर युक्त आटे की दो रोटी लेकर एक पर ऑयल व दूसरी पर घी चुपड़ दें । घी वाली रोटी पर मिठाई रखकर काली गौ माता को खिलाएं तथा दूसरी रोटी काले कुत्ते को खिला दें । इन तरीकों में से किसी एक को करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं व अपनी कृपा बनाए रखते हैं ।