लखनऊ: उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां कालीचरण पी0जी0 कॉलेज, लखनऊ की 48वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह कॉलेज लखनऊ का एक ऐतिहासिक कालेज है। जब देश में बंग-भंग के विरूद्व स्वदेशी आंदोलन चल रहा था उस समय प्राथमिक पाठशाला के रूप में कालीचरण विद्यालय की स्थापना हुई, जिसके प्रथम हेडमास्टर हिन्दी गद्य साहित्य के पितामह कहे जाने वाले बाबू श्यामसुन्दरदास जी नियुक्त हुए। हिन्दी साहित्य में लखनवी संस्कृति को अपने साहित्य द्वारा समृद्व करने वाले पंडित अमृतलाल नागर इसी संस्था के विद्यार्थी रहे थे। इतिहासकार प्रो0 बैजनाथ पुरी जो लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में प्रोफेसर थे, वे भी कालीचरण विद्यालय के ही पूर्व छात्र रहे थे और स्वर्गीय लालजी टंडन जो पूर्व में राज्यपाल (बिहार,मध्यप्रदेश), पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के पद पर सुशोभित रहें वे भी कालीचरण महाविद्यालय से आन्तरिक रूप से सम्बद्व रहे। आज कॉलेज के वर्तमान स्वरूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका परिलक्षित होती दिखाई दे रही है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कालीचरण डिग्री कॉलेज का शुभारम्भ 06 दिसम्बर 1973 को किया गया था, धीरे-धीरे सतत् प्रगति करता हुआ ये महाविद्यालय आज अपने वर्तमान भव्य स्वरूप को प्राप्त कर चुका हैं और अतिभव्य स्वरूप की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ता जा रहा हैं। उन्होने कहा कि मुझे याद है इसके नये परिसर के उद्घाटन में अक्टूबर 2019 को माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ मै भी आमंत्रित था और स्वर्गीय लालजी टंडन के अथक प्रयासो के फलस्वरूप 350 करोड़ की लागत से भवन का निर्माण कराया गया। मुझे ये जानकर हर्ष हो रहा है कि इस नये परिसर का नाम लालजी टंडन परिसर रखा गया है। और आने वाले सत्र में शीघ्र ही यहाँ विज्ञान संकाय की कक्षाएँ प्रारम्भ होने वाली हैं। मुझे यह कहते हुए अच्छा लग रहा हैं कि विश्वविद्यालय में लगभग 02 वर्षाे से कम समय में ही बी0एल0एस0सी0, बी0जे0एम0सी0, बी0काम आनर्स, एम0ए एजुकेशन जैसे नये पाठ्यक्रम शुरू हो चुके है, जिनकी कक्षाएँ नियमित रूप से चल रही हैं। वर्तमान प्रबंधन के कुशल निर्देशन में महाविद्यालय अपनी उन्नति का चरमशिखर प्राप्त करने को सतत् प्रयत्नशील है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कालीचरण महाविद्यालय,लखनऊ नगर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में जाना जाता है। लगभग 3000 विद्यार्थियों की संख्या वाला यह महाविद्यालय लखनऊ का महत्वपूर्ण उच्च शिक्षा का केन्द्र है जहाँ माल, मलिहाबाद, काकोरी आदि कस्बों के विद्यार्थियों के अलावा हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी और उन्नाव जैसे जनपदो के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से छात्र-छात्राएं आकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है। उनके उज्ज्वल भविष्य में महाविद्यालय की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण है। महाविद्यालय के विख्यात पूर्व छात्रों का इतिहास देखते हुए मैं इन नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए आश्वस्त हूँ और महाविद्यालय परिवार को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूॅ।
डॉ शर्मा ने कहा कि यहां आकर बड़ी प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। आज के इस कार्यक्रम के लिये मैं महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति के समस्त सदस्यों, श्री आशुतोष टंडन मा0 नगर विकास मंत्री, न्यायमूर्ति एन0के0 मेहरोत्रा पूर्व लोकायुक्त, श्री नवनीत सहगल वरिष्ठ आई0ए0एस0, प्रो0 एम0पी0 सिंह पूर्व प्रतिकुलपति ल0वि0वि0 एवं श्री निर्मल सेठ सीनियर एडवोकेट, मा0 उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, अभिषेक प्रकाश जिलाधिकारी लखनऊ, प्रबन्धक इं0 वी0के0 मिश्र एवं प्राचार्य डा0 चन्द्र मोहन उपाध्याय और इस कार्यक्रम से जुड़े प्रत्येक सदस्य को बधाई देता हूॅ। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन, बेसिक शिक्षा मंत्री श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।