लखनऊः सी आई आई द्वारा आयोजित चार दिवसीय आईएसडीए- २०२१ के दूसरे दिन यूपीडा के साथ एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विशेष रूप से यूपी डिफेन्स कॉरिडोर के तहत अधोरचना निवेश तथा रणनैतिक साझेदारी के अवसरों पर चर्चाएं हुई। दूसरे दिन के अन्य कार्यक्रमों में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड तथा आयुध निर्माणी बोर्ड के साथ वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम भी शामिल रहे।
आज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मंत्री श्री सतीश महाना ने बताया की प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों तथा विभिन्न सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश उद्योग के दृष्टिकोण से जहाँ पहले सबसे कम वरीयता वाला प्रदेश था वहां, आज यह प्रदेश उद्योग के परिप्रेक्ष्य में सबसे वरीयता वाला राज्य बन गया है। उन्होंने बताया की उद्यमी किसी भी प्रदेश के आर्थिक विकास के ब्रांड एम्बेसडर होते है और इसी नाते उन्होंने सभी उद्यमियों से आवाहन किया की वे राज्य सरकार के साथ पार्टनर के रूप में कार्य करें तथा उत्तर प्रदेश डिफेन्स कॉरिडोर को रक्षा उत्पादन सम्बन्धी गढ़ के रूप में विकसित करने में सहयोग करें।
औद्योगिक विकास मंत्री ने यह भी बताया की कोराना महामारी के कारण उत्पन्न चुनैती के बावजूद भी चित्रकूट नोड से दिल्ली के मध्य एक्सप्रेस हाईवे का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है और इसका 60 प्रतिश कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया की रक्षा संरचना विकास तथा उत्पादन में कॉमन फैसिलिटेशन केंद्रों तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सशत्र सेनाओं में बढ़ते स्वदेशीकरण के परिणाम स्वरूप अधीनस्थ उद्योग जैसे की खाद्यान्न, अधोरचना, टेक्सटाइल आदि को भी बल मिलेगा। अंत में उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार एचएएल, डीआरडीओ, ओईएफ तथा बीईएल जैसी संस्थाओं के साथ सम्मिलित रूप से इस परियोजना को सफल बनाने में कार्यरत है।
अपर मुख्य सचिव, गृह तथा सीईओ, यूपीडा श्री अवनीश अवस्थी ने कहा की डिफेन्स कॉरिडोर का विकास कार्य उद्योग मंत्री के साथ साथ मुख्यमंत्री जी एवं रक्षा मंत्री जी के निरीक्षण में प्रगति पर है। उन्होंने यह भी बताया की यूपीडा निरंतर प्रयासरत है की उद्यमियो को उनकी आवश्यकता अनुसार भूमि प्रदान कराई जा सके। कॉरिडोर के नोड्स के सन्दर्भ में अवगत करते हुए श्री अवस्थी ने बताया की अलीगढ नोड अगस्त में शिलान्यास के लिए पूर्ण रूप से तैयार है, वहीं कानपूर सितम्बर में तथा झाँसी अक्टूबर में शिलान्यास हेतु तैयार हो जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया की लाइसेंस हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस के दिए गए सुझाव को प्राधिकरण गंभीरता से लेगा और जल्द ही उसके क्रियान्वन पर भी कार्य करेगा।
सी.आई.आई. उत्तरी क्षेत्र डिफेन्स एण्ड एयरो स्पेस समिति के अध्यक्ष श्री मनोज गुप्ता ने बताया की रक्षा उद्योग इस समय प्रगति पर है। उन्होंने विदेशी ओईएम, लोक तथा निजी कंपनियों के सम्मिलित रूप से कार्य करने के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होने वाले नए निवेशों तथा रोजगारो की महत्ता को भी बताया। श्री गुप्ता ने बताया की प्रदेश में नौ आयुध कारखाने है और यह देश में सूक्ष्म तथा माध्यम वर्गीय उद्योगों की आधारशिला है। सही दिशा एवं दशा प्राप्त होने पर यह देश में रक्षा उत्पादों के सन्दर्भ में प्रमुख गढ़ होगा। उन्होंने कहा की चूँकि इस क्षेत्र में उच्च कौशल की आवश्यकता होती है। अतः उन्होंने मंत्री जी से निवेदन किया की इस कॉरिडोर में मॉडल करियर केन्द्रो की भी स्थापना की जाये, जिसका क्रियान्वन गोको (गवर्नमेंट ओन्ड तथा कंपनी ऑपरेटेड) मॉडल पर किया जाये।
एसआईडीएम यूपी चैपटर के अध्यक्ष ’श्री सचिन अग्रवाल’ ने कहा की सरकार गैर लाइसेंसीकरण, गैर नियंत्रीकरण, निर्यात प्रोत्साहन तथा विदेशी निवेश में उदारीकरण जैसे कदम उठा रही है। उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश में उद्योग सम्बन्धी व्यापार में अपार अवसर व्याप्त है। इस तथ्य को भारत सरकार ने भी माना है और इसी के परिणाम स्वरूप एसआईडीएम यूपी चैपटर की स्थापना प्रदेश में रक्षा उद्योग परिस्थितकीय तंत्र को और मजबूत बनाने हेतु की गयी है।