देहरादून: जिस गांव से कांवड चलेगी, संबंधित थाने में ग्रुप लीडर का नाम, मोबाइल नम्बर देना होगा। कांवड यात्रा में डी.जे., बैट, हाकी, धारदार हथियार, सिलिंडर नशीले पदार्थ आदि लेकर चलना प्रतिबंधित होगा। बिना परमिट के कोई गाड़ी नही चलेगी। हरिद्वार में पुलिस का एकीकृत कंट्रोल रूम बनेगा। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के पुलिस अधिकारी समन्वय के लिए यात्रा के दौरान तैनात रहेंगे। ये निर्णय मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई अंतरर्राज्यीय समन्वय बैठक में लिये गये।
मुख्य सचिव ने उ.प्र., हरियाणा, राजस्थान के अधिकारियों से आग्रह किया कि जहां से कांवड चलती है, वहीं से नियंत्रित किया जाए, तो यात्रा मार्ग और हरिद्वार में दिक्कत नहीं होगी। बैठक में यातायात प्रबंधन, सूचनाओं के आदान-प्रदान, जन-जागरूकता, नियमों का अनुपालन, राज्यों के सीमाओं पर संयुक्त चेकिंग आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। यह भी तय किया गया कि हरियाणा, दिल्ली, उ.प्र., राजस्थान संबंधित राज्य नोडल अधिकारी नामित करेंगे। उत्तराखण्ड के अधिकारी नोडल अधिकारी से संपर्क में रहकर समन्वय करेंगे। रेलवे प्लेटफार्म पर नियंत्रण के लिए जीआरपी और आरपीएफ के समन्वय से कार्य किया जायेगा। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए सभी सम्बंधित राज्य खुफिया तंत्र को सक्रिय रखंेगे। साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने के लिए धार्मिक स्थलों की विशेष निगरानी रखी जायेगी। संवेदनशील स्थलों का चयन कर लिया गया है। पुलिस-प्रशासन ऐसे स्थलों के प्रति सजग है। एम्बुलेंस, मेडिकल किट, रिकवरी वैन, ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी, चाॅपर आदि के इंतजाम यात्रा मार्ग पर रहेंगे।
गौरतलब है कि 19 जुलाई से एक अगस्त तक कांवड मेले का आयोजन होगा। 3.5 करोड़ कांवड़ियों के हरिद्वार आने का अनुमान है। कांवड़ियों को किसी भी हाल में मसूरी नहीं जाने दिया जायेगा। उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा नहर की पटरी पर चलती है। हाईवे आवागमन के लिए खुला रहता है। उत्तर प्रदेश की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर यात्रा चलेगी। उ.प्र. में हाईवे 24 जुलाई से भारी वाहनों के लिए और 27 जुलाई से सभी तरह के वाहनों के लिये बंद कर दिया जायेगा। हरिद्वार में कांवड़ के लिए सभी इंतजाम कर लिये गये हैं।