लखनऊ: समाजवादी पार्टी मुख्यालय स्थित सभागार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रख्यात समाजवादी नेता एवं समाजवादी पार्टी के संस्थापक महासचिव बाबू कपिल देव सिंह की जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि देश का भला सिर्फ गांधी-लोहिया द्वारा प्रतिपादित समाजवाद से ही सम्भव है जिसके अग्रदूत बाबू कपिलदेव थे। बाबू कपिलदेव डा0 लोहिया के अनन्य अनुयायी, ईमानदारी, सैद्धान्तिक प्रतिबद्धता एवं लोकजीवन में अनुशासन की जीवंत मूर्ति थे। वे कई बार विधायक व मंत्री रहे किन्तु सत्ताजनित विकृतियां उन्हे छू भी नहीं सकीं।
श्री यादव ने बतलाया कि अंग्रेजों भारत छोड़ो (1942) आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। ब्रिटानिया हुकूमत द्वारा कठोर कारावास की यातना भी उन्हें स्वतंत्रता संग्राम व समाजवादी आंदोलन से डिगाने में असफल रही। आजादी के बाद जनसमस्याओं के समाधान के लिए कई आंदोलन किए और जेल गए। बाबू कपिलदेव स्वाध्यायी थे। उन्हें अर्थशास्त्र और इतिहास की गहरी जानकारी थी। उन्होंने प्रशिक्षण शिविरों की लम्बी श्रृंखला चलाई। श्री यादव ने जोर देकर कहा कि बाबू कपिलदेव सिंह ने लोहिया व लोकनायक जयप्रकाश के बाद नेताजी मुलायम सिंह यादव को नेता माना। अपने संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने कहा कि बाबू कपिलदेव से उन्हें काफी स्नेह व बहुत कुछ सीखने को मिला। वे मेहनतकश कार्यकर्ताओं की काफी कद्र करते थे। बाबू कपिलदेव सिंह से प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जनता व कार्यकर्ताओं के लिए लड़ने की कला सीखनी चाहिए।
शाहजहांपुर उपचुनाव की घटना को याद करते हुए श्री यादव ने कहा कि यदि बाबू कपिलदेव सिंह न होते तो उपचुनाव जीतना असम्भव था। उसी चुनाव से सपा के पक्ष में सकारात्मक वातावरण बनना प्रारम्भ हुआ। बाबू कपिलदेव सिंह अनुशासन, अध्ययन और सतत जनसंघर्ष को समाजवादी कार्यकर्ता का बुनियादी गुण मानते थे। समाजवादी पार्टी लोहिया व कपिलदेव सिंह की प्रेरणा से साम्प्रदायिक शक्तियों से निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार है। श्री शिवपाल ने सभी कार्यकर्ताओं से नेता जी द्वारा घोषित प्रत्याशियों के लिए जी-जान से जुटने की अपील की। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व सचिव दीपक मिश्र ने कहा कि बढ्ऱते क्षेत्रीय आर्थिक विषमता को रोकने के लिए बाबू कपिलदेव सिंह ने ‘‘समाजवादी अर्थनीति’’ में कई रास्ते सुझाये हैं जिनपर अमल करना समय की आवश्यकता है। वे जितने बड़े संगठक थे उतने ही बड़े विद्वान भी थे। बाबू कपिल देव की पुस्तक ‘‘अगस्त क्रांति में समाजवादियों की भूमिका’’ अपने आप में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रामाणिक दस्तावेज है।
इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य डा0 अशोक बाजपेयी, प्रदेश सचिव रघुनंदन सिंह ‘‘काका’’, महानगर अध्यक्ष फाखिर सिद््दीकी, मो0 शाहिद समेत कई नेताओं ने अपने मत व्यक्त किए।