कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान व प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और सामान्य प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की।
श्री बोम्मई ने डीओपीटी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से राज्य में अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों विशेषकर आईएएस अधिकारियों को कल्याण उन्मुख प्रमुख योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर तैनात करने का आग्रह किया।
केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) का उल्लेख करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बताया कि शिकायतों को तुरंत हल करने के अलावा कोविड-19 श्रेणी के तहत शिकायतों को भी उच्च प्राथमिकता पर रखा गया है और अधिकतम 3 दिनों के भीतर इसका समाधान किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यों में ‘सुशासन की कार्यप्रणाली का अनुकरण’ का मुद्दा उठाया और रेखांकित किया कि नागरिक केंद्रित प्रशासन मोदी सरकार के शासन मॉडल के केंद्र में है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार में शासन की बेहतर गुणवत्ता की दिशा में बदलाव राज्यों व जिलों में परिलक्षित होना चाहिए, क्योंकि इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन देना है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र में हाल के कुछ घटनाक्रमों को भी साझा किया, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। उन्होंने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन “गगनयान” की प्रगति के बारे में भी बात की।
श्री बोम्मई ने डॉ. जितेंद्र सिंह को पिछले छह महीनों में उपलब्धियों और भविष्य में पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डालने वाली पुस्तिका भी भेंट की।
श्री बोम्मई ने मुख्यमंत्री के रूप में छह महीने का कार्यकाल पूरा किया है और इतने कम समय में उनकी सरकार ने किसानों, छात्रों, शहरी के लोगों, असंगठित श्रमिकों, बुजुर्गों, विधवाओं और शारीरिक रूप से दिव्यांग लोगों के लाभ के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की हैं।
श्री बोम्मई दो दिवसीय दौरे पर राजधानी में हैं। इस दौरान वह केंद्रीय परियोजनाओं और अगले महीने पेश होने वाले राज्य के बजट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे।