नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर को जल्द से जल्द पूरा करने और श्रद्धालुओं की आवाजाही के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच आज (14 जुलाई) अटारी-वाघा बार्डर पर बातचीत हुई. भारत ने इस दौरान पाकिस्तान को डोजियर भी सौंपा. भारत ने काउंसलर प्रेजेंस बढ़ाने की मांग की. वहीं पाकिस्तान गुरुद्वारे में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने पर राजी हो गया है. साथ ही उसने यह भी दावा किया है कि वह भारत विरोधी गतिविधियां नहीं होने देगा.
दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर दूसरे दौर की बैठक पाकिस्तान की ओर से उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल की अगुआई में हुई. बैठक से पहले मोहम्मद फैजल की ओर से जानकारी दी गई है कि करतारपुर कॉरिडोर का 70 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है.
पाकिस्तान की ओर से यह भी कहा गया है कि करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बातचीत सकारात्मक रहने की उम्मीद है. हम आस्था और उम्मीद के कॉरिडोर को हकीकत में बदलेंगे. पिछले साल करतारपुर कॉरिडोर को बनाने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी. इसे नवंबर में गुरुनानक देव जी के 550वें जन्मोत्सव तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है. भारत की ओर से बैठक की अगुआई संयुक्त सचिव एससीएल दास और दीपक मित्तल कर रहे हैं.
इस बातचीत के दौरान भारत पाकिस्तान के सामने ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने जाने का मुद्दा उठा सकता है. इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर और यात्रियों की सुरक्षा के सवाल भी भारत उठाएगा. इस बातचीत के दौरान भारत खालिस्तान का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाएगा. इससे पहले अप्रैल में भी भारत सरकार ने खालिस्तान के मुद्दे पर बातचीत को रद्द कर दिया था.
पाकिस्तान ने गोपाल सिंह चावला जैसे खालिस्तानी आतंकी को करतारपुर प्रोजेक्ट की कमेटी में शामिल किया गया था. इस बैठक से पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक आतंकी गोपाल चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है. गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का भी सदस्य नहीं है. न्यूज़ सोर्स ज़ी न्यूज़