देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को बीजापुर हाउस में कार्तिकेय हरिगुप्ता द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘सस्टेनेवल डेवलपमेंट लाॅ, द लाॅ फाॅर द फ्यूचर’’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कानूनी पहलुओं से परिचित कराने में युवा लेखन कार्तिकेय की यह पुस्तक मददगार होगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में विकास की दिशा में पर्यावरण के साथ इकाॅनामी में सस्टेनेवल एप्रोच होनी जरूरी है। विकास में प्रकृति के साथ तारतम्य बनाना भी जरूरी है। विद्युत उत्पादन के लिये जल विद्युत परियोजनाओं के प्रति भी हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए। पानी और जवानी को रोका नहीं जा सकता है। हमें अपनी नदियों के साथ चलकर रन आॅफ द रीवर योजनाओं पर ध्यान देना होगा। बरसात के पानी को रोककर नदियों के जल स्तर को बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। इग्लैंड ने टेम्स नदी को भी पुनर्जीवित किया गया है। हमेें नदियों को आपस में जोड़ कर उन्हें चैनलाईज करने की दिशा में भी कार्य करना होगा। पानी के उपयोग के बाद उसे चैनलाईज करने पर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में राज्य में योजनाएं बनायी जा रही है। अभी तक वन व सिंचाई विभाग द्वारा 1000 वाटर वाड़ी बनायी गई है। आगे भी इस दिशा में कार्य चल रहा है यदि हम 20 प्रतिशत वर्षाजल को संग्रहीत कर सके, तो हमारी नदियों में पानी की कमी दूर हो सकती है। जल संचय के प्रति हमारा विशेष ध्यान है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रकृति के साथ सामजस्य बनाकर विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिये उसके कानूनी पहुलुओं से परिचित कराने में यह पुस्तक कारगर साबित होगी।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक कार्तिकेय हरिगुप्ता, पद्मश्री अवधेश कौशल, कोविद आहुजा, एच.एस. वेदी, राजीव पुरी, मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।