नई दिल्ली: काठमांडू विश्वविद्यालय ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कुलपति डॉ. रामाकंठ मकाजू श्रेष्ठ, सीनेट के सदस्यों और काठमांडू विश्वविद्यालय की फैकल्टी को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं मित्रता के इस भाव प्रदर्शन को मूल्यवान समझते हुए इसे भारत की जनता की ओर से स्वीकार करते करता हूं।
राष्ट्रपति ने काठमांडू विश्वविद्यालय की रजत जयंति की बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने 25 वर्षों की कम अवधि में नेपाल में उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में अपने आप को स्थापित कर लिया है और कला-विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन तथा कानून में पाठ्यक्रम चला रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का इतिहास शानदार रहा है और यहां नेपाल और पडोस के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि गुणवत्ता संपन्न शिक्षा तथा कौशल उद्देश्य के साथ काठमांडू विश्वविद्यालय में क्षेत्र का श्रेष्ठ अकादमिक केंद्र बनने की क्षमता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने की आवश्यकता है। एक समय था जब इस क्षेत्र में तक्षशिला और नालंदा जैसे शिक्षा केंद्र थे जिसमें पूरी दुनिया से लोग पढ़ने आते थे। इस क्षेत्र के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की प्रतीभा काफी है लेकिन विश्व रेकिंग में काफी पीछे हैं। अनुसंधान और नवाचार के जरिये यह स्थिति बदली जा सकती है। राष्ट्रपति ने इस दिशा में काठमांडू विश्वविद्यालय द्वारा उठाए जा रहे आवश्यक कदमों पर प्रशंसता व्यक्त की।