केदारनाथ धाम के कपाट पूर्व घोषित तिथि यानी 29 अप्रैल को ही सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंग। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे। बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और भगवान नारायण के अभिषेक को तिलों का तेल निकालने के तिथि वसंत पंचमी पर टिहरी राज परिवार द्वारा निश्चित की जाती है।
अब कोरोना महामारी को देखते हुए टिहरी महाराजा ने बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 15 मई और तेल निकालने की तिथि पांच मई निश्चित की है। भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि के रूप में राजा का यह निर्णय हर दृष्टि से उपयुक्त है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रावल के साथ डिमरी पुजारी को भी प्रवेश करने का अधिकार है। लेकिन, भगवान बदरी विशाल के स्वयंभू विग्रह (मूर्ति) को स्पर्श करने का अधिकार सिर्फ रावल को है।