कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि सड़कों पर मजदूरों को देखकर लगता है कि सिस्टम फेल हो गया है. मेरा निवेदन है कि प्रवासी मजदूर दिल्ली छोड़कर ना जाएं. अगर फंसे ही हैं और जाना चाहते हैं तो हम ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं. बिहार, मध्य प्रदेश ट्रेनें गई हैं, थोड़ा इंतजार और करें, लेकिन पैदल मत निकलें.
उन्होंने कहा कि राजधानी में कोरोना से बुजुर्गों की मौत ज्यादा हो रही है. मरने वाले 82 प्रतिशत में 50 साल से अधिक उम्र वाले हैं. सीएम ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के 6923 मामले हैं, जबकि 73 लोगों की मौत हुई है. करीब 1500 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिसमें 91 आईसीयू में हैं. कोरोना से अबतक 2091 लोग ठीक हो चुके हैं.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में गंभीर केस बहुत कम हैं. कम लक्षण वाले मरीजों के घर पर इलाज के लिए टीम भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वॉरियर अगर कोविड 19 से बीमार होता है तो फाइव स्टार में इलाज की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन हमने यह ऑर्डर पास किया और विपक्ष ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि क्या कोरोना वॉरियर्स को स्पेशल सुविधा मिलनी चाहिए या नहीं? एक करोड़ रुपये अगर हम निधन पर दे रहे हैं तो क्या दिक्कत है? यह टाइम राजनीति करने का नहीं है.
बता दें कि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स के कोरोना ट्रीटमेंट के लिए एक अलग अस्पताल की मांग की थी. इस बाबत फेडरेशन की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा गया था.
Overall corona figures rising in Delhi but at the same time people are getting cured and going back home safe. Now we’ve to learn to live with corona. https://t.co/tg0y1ZwQds
— AAP (@AamAadmiParty) May 10, 2020
सीएम ने कहा कि हमें पता चला कि एंबुलेंस की दिक्कत हो रही थी. इसलिए शनिवार को आदेश निकालकर प्राइवेट अस्पतालों की एंबुलेंस भी ले ली हैं. प्राइवेट अस्पतालों के साथ-साथ उन्हें सरकारी ड़यूटी भी करनी होगी. इस फैसले से मुझे उम्मीद है कि एंबुलेंस की दिक्कत नहीं आएगी. Source Aajtak