देहरादून: आज विधान सभा स्थित सभागार में प्रदेश के वन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, दिनेश अग्रवाल द्वारा केरला विधान सभा से आये 4 सदस्यीय समिति का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। उक्त समिति के साथ चार वरिष्ठ अधिकारी भी आये थे।
केरला से आये चार सदस्यीय समिति के सदस्यों को वन विभाग एवं आपदा प्रबन्धन विभाग के अधिकारियों द्वारा विस्तार से राज्य में हो रहे आपदा प्रबन्धन, वन विभाग एवं राजस्व की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने यहाॅं के इको सिस्टम, नेशनल पार्कों की जानकारी, यहाॅं के वाईल्ड लाईफ मैनेजमैन्ट, इको टूरिज्म, वानिकी प्रबन्धन प्रदेश में वन पंचायतों की जानकारी के साथ-साथ इको डेवल्पमेन्ट, जलवायु परिवर्तन और हिमालय क्षेत्रों के जंगलों में हो रहे विकास कार्यों से वन्य जीवों का पलायन, भूमि संरक्षण एवं वर्षा जल संरक्षण योजना, वन्य जीवों से खेती सुरक्षा योजना, ग्रीन इण्डिया मिशन, सुरक्षा दीवारों का निर्माण करवाया जाना, प्लांटेशन आदि कार्य कर रहे हैं। तथा मुख्यमंत्री द्वारा हमारा पेड़ हमारा धन योजना की शुरूआत हाल ही में की गयी है। जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत हो सके।
इस अवसर पर वन मंत्री ने केरला से आये समिति के सदस्यों को अवगत कराया कि सरकार ने गांवों में ही लोगों को आर्थिकी से जोड़ने की कुछ अभिनव योजनाएॅं आरम्भ की हैं। मेरा गांव मेरा धन, मेरा पेड़ मेरा धन जैसी योजनाओं से जुड़कर ग्रामीण आबादी को लाभ मिलेगा। गाॅवों में बंजर हो रही जमीन पर पेड़ लगाकर उनका संरक्षण कास्तकार द्वारा किया जा रहा है। सरकार उन्हें प्रति पेड़ 300 रूपये प्रोत्साहन बोनस का भुगतान एफ.डी. के माध्यम से करेगी इसके जरिये ग्रामीणों की जंगलों पर निर्भरता कम होगी तथा रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर दोनों राज्यों ने अपने-अपने विचार रखते हुए कहा कि केन्द्र द्वारा केरला का भी बजट में कमी कर दी गयी है। जिससे कार्यों को करने में दिक्कतें महसूस हो रही हैं।
वन मंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड में भीषण आपदा आयी। जो सर्वविदित है। आपदा के दौरान जो-जो कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किये गये, उनका विस्तार से मंत्री जी द्वारा अवगत कराते हुए कहा कि द्रुत गति से विकास कार्य करते हुए सड़कों, पुलों का निर्माण दुबारा से किया गया तथा चार धाम यात्रा को प्रारम्भ किया गया है। जिससे हजारों तीर्थ यात्रियों का आगमन उत्तराखण्ड में शुरू हो चुका है। उन्होंने समिति के सदस्यों को अवगत कराया कि वनों से आमदनी का स्रोत भी हमें खोजना होगा। इसके लिये निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुनः अपनी पुरानी स्थिति मंे आ गया है। हमारे चारों धामों में यात्री एवं पर्यटक आ रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केरला की भी कुछ समस्यायें उत्तराखण्ड जैसी है। आपके यहाॅं आने से हमें भी काफी जानकारी प्राप्त हुई जिनको अपना कर हमें भी फायदा होगा।
केरला से आये समिति के सदस्यों ने कहा कि हम उत्तराखण्ड राज्य में आयी भीषण आपदा को समझने एवं उस आपदा के दौरान किये गये कार्यों आपदा प्रबन्धन एवं बाढ़ की जानकारी तथा आपदा में अपने जीवन देने वाले लोगों को कम्पनशैशन(मुआवजा) तथा आपदा में नष्ट हो गये मकानों के लिये किये गये कम्पनशैशन की जानकारी तथा आपदा के दौरान किये गये सभी कार्यों की जानकारी ली तथा कमेटी के सदस्यों द्वारा विधान सभा के साथ-साथ आज मसूरी, एवं एफ.आर.आई. का भी निरिक्षण किया।
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