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खादी एवं ग्रामोद्योग प्रर्दशनी 2015 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग रोजगार देने में अग्रणी संस्थान बने। खादी ग्रामोद्योग का जलागम, जायका, आईफैड व ग्रामीण विकास से जुडे महिला स्वयं सहायता समूहो के साथ समन्वय स्थापित किया जाय। छोटे उद्यमियों को मार्गदर्शन देने का भी कार्य खादी ग्रामोद्योग करे।

इस  क्षेत्र में जो लोग उत्कृष्ट कार्य कर रहे है उन्हे प्रोत्साहित किया जाय। स्थानीय उत्पादो को बेहतर तकनीकि एवं बाजार उपलब्ध कराने के लिये फेसिलेटर के रूप में कार्य किया जाय, खादी ग्रामोद्योग की दुकाने  छोटे सरायो व तीर्थ स्थलो में भी स्थापित की जाय।
 मंगलवार को स्थानीय परेड ग्रांउन्ड में आयोजित राष्ट्रीय खादी ग्रामोद्योग प्रर्दशनी 2015 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्राकृतिक रेसा हमारी ताकत है। हमें इसे पहचान देनी होगी। अकेले भीमल के रेसंे को प्रमोट कर हम लगभग 25 हजार लोगों को रोजगार दे सकेते है, इसी प्रकार कण्डाली, रामबांस, रिंगाल के रेसें रोजगार के साधन बन सकते है। उन्होंने ऊन बैंक की स्थापना के साथ ही वूड कार्डिग व पुराने हथकरघों को नई पहचान देने की पहल करने पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि हमे खादी की पुरानी इकाइयों को आज की मांग के अनुरूप पुनर्जीवित करने पर ध्यान देना होगा। राज्य में शहद उत्पादन की बड़ी संभावना है। हरिद्वार रूड़की में दो बड़ी फेक्ट्री इसकी है जो शहद एक्सपोर्ट कर रही है, इसे फेमिली इंडंस्ट्री के रूप में  अपनाना होगा। खादी के क्षेत्र से जुड़े पुराने लोगों को प्रशिक्षित करने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कुछ आईटीआई व पाॅलेटेक्निक को इसके लिये चिन्हित करने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश में कई लोग है, जो इस क्षेत्र में बेहत्तर कार्य कर रहें है। आवश्यकता है उन्हें प्रोत्साहित करने की। उन्होंने उदाहरण दिया कि जनरल थिमेया की पोती चितई के पास नेचरल फाईवर की वस्तुएं तैयार कर रही है। भांग के दानों का साबुन बनाकर, वे विदेशों में एक्सपोर्ट कर रही है। बिच्छु घास व तुलसी की चाय तैयार कर रही है। उन्होंने लेंटिल टी केा पहचान दी है। मुनस्यारी में प्राकृतिक उत्पादों के आर्टिफिशियल अर्नामेंट  बनाये जा रहें है। जरूरत उन्हें प्रोत्साहित करने की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में चैलाई की प्रोदेसिक यूनिट लगायी जायेगी। उन्होने कहा कि इस प्रकार के मेले एक दूसरे प्रदेश की तकनीकि के आदान प्रदान में भी मददगार रहते है।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने खादी ग्रामोद्योग द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो एवं लघु उद्यमियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी।

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