लखनऊः राज्य सरकार द्वारा खादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के फलस्वरूप खादी के व्यापार में भारी इजाफा हुआ है। जहां पिछले साल 655.93 करोड़ रुपये खादी वस्त्रों की बिक्री हुई थीं, वहीं इस वर्ष करीब 721 करोड़ रुपये की बिक्री अनुमानित है। इसके साथ ही 6.55 लाख लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होने की उम्मीद है।
यह जानकारीे खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री, श्री सत्यदेव पचैरी ने दी। उन्होंने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में प्रदेश में खादी बोर्ड से वित्त पोषित खादी संस्थाओं द्वारा 406.38 करोड़ रुपये का खादी वस्त्रों का उत्पादन किया गया था और 655.93 करोड़ रुपये के खादी वस्त्रों बिक्री हुई थी। इससे लगभग 6.50 लाख कत्तिनों, बुनकरों सहित अन्य लोगों को रोजगार के प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से अवसर सुलभ हुए थे। वर्तमान वित्तीय वर्ष में खादी संस्थाओं द्वारा लगभग 447.00 करोड़ रुपये के खादी वस्त्रों के उत्पादन का अनुमान है।
श्री पचैरीे बताया कि प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विगत वर्षों से संचालित बिक्री पर छूट आधारित योजना के स्थान पर उत्पादन पर छूट देने के लिए पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना शुरू की गई है। इसके तहत खादी संस्थाओं को उत्पादन लागत पर 15 प्रतिशत सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि महात्मा गंाधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा खादी वस्त्रों के फुटकर बिक्री पर 05 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की गई है, जबकि खादी संस्थाओं द्वारा पहले से ही 20 प्रतिशत छूट दी जा रही है। इस प्रकार अब खादी वस्त्रो के फुटकर बिक्री पर ग्राहकों को कुल 25 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इससे खादी वस्त्रों की ओर लोगों का रूझान बढ़ा रहा है और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की आय में भी वृद्धि हो रही है।