नई दिल्ली: खादी उत्पादों की बिक्री पिछले चार साल के दौरान तीन गुना से अधिक बढ़ी है. यही नहीं इस दौरान खादी के बिक्री केंद्रों की संख्या भी एक हजार से ऊपर पहुंच गई. देश में खादी के प्रचार प्रसार को और तेज करने के लिए खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने रेल मंत्रालय से एक विशेष ‘खादी एक्सप्रेस ट्रेन’ चलाने के लिए आग्रह किया है.
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष को ध्यान में रखते हुए आयोग ने रेल मंत्रालय को एक विशेष ‘खादी एक्सप्रेस ट्रेन’ चलाने के लिए पत्र लिखा है. पांच डिब्बों वाली विशेष खादी एक्सप्रेस ट्रेन में खादी से जुड़ी गांधीजी की प्रदर्शनी लगाई जाएगी साथ ही खादी उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था होगी. जहां जहां गांधी गये उन रेलवे स्टेशन पर यह गाड़ी पहुंचेगी. ऐसे प्रत्येक स्टेशन पर गाड़ी एक दिन रुक सकती है.
खादी ग्रामोद्योग आयोग ने गुजरात में गांधीजी के साबरमती आक्ष्रम के सामने नदी के दूसरी तरफ इस्पात से बना एक बड़ा चरखा भी लगाया है. सक्सेना ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद खादी कपड़ों की मांग तेजी से बढ़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद लोगों से खादी के कपड़े खरीदने की अपील की है. खादी के कपड़ों में भी इस दौरान विविधता आई है. सूती खादी के साथ ही रेशमी कपड़े के नए फैशन के उत्पाद तैयार किए हैं.
खादी के बिक्री कारोबार के बारे में सक्सेना ने कहा कि 2014-15 में जहां खादी ने 811 करोड़ रुपये का कारोबार किया वहीं 2017- 18 में यह आंकड़ा 2,509 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 की अवधि में खादी उत्पादों की बिक्री में हर साल औसतन 6.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि मोदी सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल में इसमें 37 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई.
सक्सेना ने बताया कि इस दौरान खादी के 570 बिक्री केंद्रों की मरम्मत कर उन्हें नए रूप में ढाला गया जबकि नए बिक्री केंद्र भी खोले गए. चार साल में इन बिक्री केंद्रों की संख्या बढ़कर 1,060 तक पहुंच गई. उन्होंने बताया कि खादी के दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, मुंबई, कोलकाता, एर्नाकुलम और गोवा स्थित सात बिक्री केंद्रों पर मोदी जैकेट और मोदी कुर्ते के औसतन 1,500 जोड़े प्रतिदिन बिक रहे हैं. ‘सूती और रेशमी के बाद अब हमने ऊनी कपड़े में भी मोदी जैकेट उतारी है.’
सक्सेना ने बताया कि खादी के प्रचार प्रसार के लिए आयोग ने पिछले महीने दो अक्टूबर को 50 देशों में खादी की प्रदर्शनी लगाई. ताकि देश दुनिया में खादी के उत्पादों की मांग और तेजी से बढ़े.