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खरीफ 2021 तक 16.20 लाख है0 क्षेत्र आच्छादन की कार्ययोजना: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों में वर्षा की स्थिति, मृदा के प्रकार एवं फसलों की उपयुक्तता के दृष्टिगत खरीफ 2016 के कृषि क्षेत्र आच्छादन 8.58 हेक्टेयर को आधार मानते हुए खरीफ 2021 तक 16.20 लाख हैक्टेयर क्षेत्र आच्छादन की कार्य योजना बनाई है। इसमें खरीफ फसलों की उन्नतिशील बीज एवं संकर प्रजातियों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान, निःशुल्क बीज मिनीकिट वितरण एवं न्याय पंचायतवार तकनीकी प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम निर्धारित किए गये हैं।

प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विभाग के प्रयासों एवं अनुकूल मौसम तथा राज्य सरकार द्वारा देय सुविधाओं का लाभ उठाते हुए किसानों ने खरीफ-2018 के लिए निर्धारित लक्ष्य 10.49 लाख हे0 क्षेत्राच्छादन के सापेक्ष 10.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई की है। आधार वर्ष 2016 से वर्तमान खरीफ में मुख्यतः मोटे अनाज में 30 हजार हे0, दलहनी फसलों में 108 हजार हे0 एवं तिलहन फसलों में 89 हजार हे0 क्षेत्राच्छादन में वृद्धि हुयी है।

श्री शाही ने बताया कि कृषकों को दलहनी फसलों (उर्द एवं मूंग) के 21340 एवं तिलहनी फसलों (तिल एवं सोयाबीन) के 25840 बीज मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध कराये गये है। कृषकों को 1635 कुं0 धान, 378 कुं0 मोटा अनाज, 1660 कुं0 दलहनी एवं 974 कुं0 तिलहनी फसलों के बीज 80 प्रतिशत तक के अनुदान पर कृषकों को वितरित किये गये हैं। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कोदो एवं कपास की फसल को प्रोत्साहित करने के लिए क्रमशः 1666 एवं 725 बीज मिनीकिट कृषकों को निःशुल्क उपलब्ध कराये गये। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष में कोदो के साथ-साथ सांवा, मड़ुवा, काकुन आदि मोटे अनाजों के बीज भी कृषकों को उपलब्ध कराया जायेगा।

कृषि मंत्री ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वर्षा जल संचयन हेतु वर्ष 2018-19 में 5000 खेत तालाब का निर्माण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष माह अगस्त तक 2500 खेत तालाबों का निर्माण पूर्ण हो गया है, शेष कार्य प्रगति पर है। इसके पूर्व वर्ष 2016-17 में 2000 एवं वर्ष 2017-18 में 2549 खेत तालाब निर्मित कराये गये है। उन्होंने बताया कि इन खेत तालाबों के माध्यम से भू-गर्भ जल रिचार्ज के साथ-साथ फसलों को जीवनदायी सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो रही है।

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