नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजीजू राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 14वें स्थापना दिवस का कल नई दिल्ली में उद्घाटन करेंगे। स्थापना दिवस का इस वर्ष विषय है– ‘आपदाओं की पूर्व चेतावनी’।
पूर्व चेतावनी आपदा का जोखिम कम करने का मूल तत्व है और इसकी मदद से लोगों की जान जाने और आर्थिक प्रभावों को कम किया जा सकता है। समय पर पूर्व चेतावनी संरचित और दक्ष प्रतिक्रिया का उपाय है।
प्रभावी बनाने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणालियों में जोखिम वाले समुदायों को शामिल करने, लोगों में जागरूकता पैदा करने, चेतावनियों का प्रभावी तरीके से प्रचार शामिल करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि यह निरंतर तैयारी की अवस्था में रहे। पिछले कुछ वर्षों में हमने तूफानों की सही और समय पर पूर्व चेतावनी देने के मामले में पर्याप्त प्रगति की है। इस महीने के शुरू में, अधिकारियों ने गज तूफान के आने से पहले हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, क्योकिं उसकी दिशा के बारे में सही भविष्यवाणी की गई थी।
सभी साझेदार समय पर और सही पूर्व चेतावनी जारी करने, उनकी भूमिका और प्रमुख चुनौतियों और संवेदनशील समुदायों सहित सभी महत्वपूर्ण साझेदारों के बीच उसका प्रचार करने की विस्तृत योजना के बारे में विचार-विमर्श करेंगे।
इस अवसर पर खतरा रोधी निर्माण के बारे में राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षण देने के लिए एक पुस्तिका और 2017 में गुजरात में आई बाढ़ के बारे में एक अध्ययन रिपोर्ट भी जारी की जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में अपर-प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा समापन भाषण देंगे।
इस कार्यक्रम में एनडीएमए के सदस्य, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के मंत्रालयों और सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व सदस्य तथा एनडीएमए की सलाहकार समिति के सदस्य भाग लेंगे। इस दौरान होने वाले विचार-विमर्श से जागरूकता बढ़ेगी और आपदाओं के लिए हमारे पूर्व चेतावनी यंत्रों में सुधार होगा।