केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने 15 अक्टूबर, 2020 को वाई-20 वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसका उद्देश्य दुनिया भर में युवाओं को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रों के बीच विचारों और संवादों का आदान-प्रदान करना है।
श्री रिजिजू युवाओं के लिए कोविड के बाद अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक पैनल पर थे। उनके साथ इटली के पूर्व प्रधानमंत्री और सीनेटर मैत्तियो रेंज़ी, युवा नीतियों और यूनिवर्सल काउंसिल विभाग के प्रमुख और इटली मंत्रिमंडल के सदस्य डॉ. फ्लैवियो सिनिस्कालची, सिंगापुर के समुदाय, संस्कृति, युवा, व्यापार और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री, महामहिम एल्विन टैन, शामिल हुए थे। इस वर्ष के वाई- 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी सऊदी अरब ने की थी।
शिखर सम्मेलन में श्री रिजीजू ने युवाओं को विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। भारत के अनुभव को साझा करते हुए, श्रीरिजू ने कहा, “एक बड़ी युवा आबादी वाले देश के रूप में, भारत ने कोविड महामारी के दौरान अपने युवाओं को लगातार व्यस्त रखा है, जो युवा कार्य मंत्रालय के 6.5 मिलियन से अधिक युवा स्वयंसेवकों के साथ काम करते हुए आम जनता में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। कोविड महामारी ने हमारे सामने अभूतपूर्व चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं और यह हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ही दृष्टिकोण है कि युवाओं को स्वयंसेवा से जुडे रहना चाहिए, और अगले कुछ महीनों के भीतर भारत में लगभग 10 मिलियन स्वयंसेवक होंगे जो कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने की दिशा में आगे आकर काम करेंगे।
श्री रिजीजू ने कोविड महामारी के बाद की दुनिया में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यह एक ऐसी योजना है जिसे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत में अपनाया गया है। “दुनिया ने पिछले कुछ महीनों में कई कठिनाइयों का सामना किया है और नुकसान की मात्रा बहुत अधिक है। हालांकि, अब हमें आगे बढ़ने और खुद को फिर से जीवंत करने का समय है। सकारात्मक मानसिकता रखना जरूरी है। भारत में, बड़े पैमाने पर आर्थिक पैकेजों की घोषणा की गई है ताकि युवा स्वाबलम्बी और आत्मनिर्भर बन सकें और आजीविका आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। वर्तमान समय के दौरान, शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से फिट होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे प्रधानमंत्री का फिट इंडिया मूवमेंट की परिकल्पना अब पूरे देश में प्रचारित की जा रही है, और अब यह जन आंदोलन बन गया है। फिट इंडिया मूवमेंट ने हमारे नागरिकों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए एक महान साधन के रूप में काम किया है।” श्रीरिजू ने संक्षेप में कहा कि दो तरफ के दृष्टिकोण से, एक ओर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना है तो दूसरी ओर वित्तीय सुरक्षा द्वारा इस कठिन समय में युवाओं के सशक्तीकरण को सुनिश्चित किया जा सकता है।