इंडियन प्रीमियर लीग में हर रोज कुछ ऐसे आंकड़े और रिकॉर्ड बनते या बदलते रहते हैं, जो सबको हैरान कर देते हैं. आम तौर पर ये आंकड़े रन, विकेट, कैच जैसी उपलब्धियों से जुड़े होते हैं, लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच IPL 2020 के एक मैच में टॉस से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है.
अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में बुधवार 7 अक्टूबर को KKR और CSK के बीच मुकाबला हुआ. टॉस के लिए KKR के कप्तान दिनेश कार्तिक और CSK के कप्तान एमएस धोनी थे. टॉस कार्तिक ने जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया.
5 साल बाद KKR ने किया बैटिंग का फैसला
इस सीजन में सिर्फ कुछ ही मैचों में टॉस जीतने वाले कप्तान ने पहले बैटिंग का फैसला किया, लेकिन KKR के लिहाज से ये मुद्दा सिर्फ इस सीजन तक सीमित नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक 2015 सीजन में मई में हुए एक मैच के बाद ये पहला मौका था, जब KKR ने IPL के मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया.
यानी मई 2015 के बाद से 7 अक्टूबर 2020 को हुए मैच के बीच 5 से ज्यादा साल गुजरे और इस दौरान KKR ने 69 मैच खेले, जिसमें से एक बार भी टॉस जीतने पर बैटिंग नहीं चुनी. आखिरी बार 7 मई 2015 को दिल्ली कैपिटल्स (तब दिल्ली डेयरडेविल्स) के खिलाफ KKR के तत्कालीन कप्तान गौतम गंभीर ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया था.
उस मैच में KKR ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट पर 171 रन बनाए थे. जवाब में दिल्ली की टीम सिर्फ 158 रन बना सकी और KKR को 13 रनों से जीत मिली थी. इस बार भी नतीजा कुछ अलग नहीं रहा.
फैसले के साथ ही बदल गई किस्मत
5 साल बाद ये फैसला बदलने के बाद इस सीजन में एक बार फिर कोलकाता की किस्मत बदल गई और टीम ने जीत की राह पर वापसी की. अबू धाबी में पहले बैटिंग करते हुए KKR ने 20 ओवरों में 167 रन बनाए. टीम के लिए राहुल त्रिपाठी ने ओपनिंग करते हुए सबसे ज्यादा 81 रन बनाए.
जवाब में शेन वॉटसन (50) और अंबाती रायडू (30) की मदद से 10वें ओवर तक मजबूत स्थिति में थी. टीम ने 90 रन पर सिर्फ 1 विकेट गंवाया था, लेकिन इसके बाद अगले 10 ओवरों में KKR ने ये मैच वापस खींच लिया. KKR ने 20 ओवरों में चेन्नई को 157 रनों पर रोक दिया और सीजन में अपनी तीसरी जीत दर्ज की.