नई दिल्ली: 19 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण के मतदान के साथ के खत्म होने के एक दिन बाद ही विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम मशीन(EVM) में टैंपरिंग का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग(Election Commission) से मुलाकात की। हालांकि चुनाव आयोग ने उन तमाम आरोपों को निराधार बताते हुए रिपोर्ट को खारिज कर दी। चुनाव आयोग ने कहा कि सभी ईवीएम और VVPAT मशीन पूरी तरह सीज और स्ट्रॉग रूम में पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से रखे गए हैं।
आखिरी वोट डालने के बाद क्या होता है ईवीएम में चुनाव आयोग के मुताबिक लोकसभा चुनाव में करीब 4 मिलियन ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें करोड़ों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग को अपना वोट दर्ज किया। ईवीएम मशीन में आखिरी वोट डालने के बाद क्या होता है ये जानना भी जरूरी है।
EVM मशीन की खास सुरक्षा
- EVM मशीन में आखिरी वोट डाले जाने के बाद मशीन को सीज कर दिया जाता है। पोलिंग बूथ पर मौजूद सभी पोलिंग एजेंट उस सील पर अपने हस्ताक्षर करते हैं।
- इसके बाद भारी सुरक्षा के बीच सभी ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉग रूम में सुरक्षित रखा जाता है। इस साल GPS लैश वाहनों की मदद से ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉग रूम तक सुरक्षित पहुंचाया गया है।
- सभी स्ट्रॉग रूम में सीसी टीवी कैमरे और पावर बैकअप की व्यवस्था रखी गई है। पोलिंग एजेंट को स्ट्रॉग में जाने की अनुमति सिर्फ ईवीएम मशीन रखने तक की है।
- मतगणना के बाद 45 दिनों तक ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉक रूम में सुरक्षित रखा जाता है।
स्ट्रॉगरूम में सख्स पहरा सभी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों को स्ट्रॉग रूम के दरवाजे पर अपना सील डालने की छूट दी जाती है। वहीं सभी उम्मीदवारों को स्ट्रॉगरूम से निश्चिम दूरी पर कैंप लगाकर निगरानी करने की भी छूट है। मतगणना के दिन ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉक रूम से काउंटिंग सेंटर तक ले जाने के लिए भारी सुरक्षा तैनात की जाती है। SourceOneindia