रक्षाबंधन के दिन भाई के कलाई पर रक्षासूत्र बांधने का बहनों को बेसब्री से इंतजार रहता है। 26 अगस्त को बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बाधेंगी। ज्योतिष के नजरिए से रक्षा बंधन के दिन भद्राकाल के समय राखी बांधना अशुभ होता है।
शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए क्यों इसे अशुभ माना जाता है। इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा की अशुभ छाया नहीं रहेंगी। 26 अगस्त को सुबह से शाम तक किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। आखिर क्यों भद्राकाल के समय राखी नहीं बांधी जाती आइए जानते है इसके पीछे का कारण।
दरअसल भद्रा और सूतक लगने के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि रावण की बहन सूर्पनखा ने रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का सर्वनाश हुआ। यही वजह है कि लोग भद्रा के समय राखी नहीं बांधते हैं।
वहीं एक दूसरी मान्यता है कि भद्रा के दौरान भगवान शिव तांडव करते हैं जिसकी वजह से वे काफी गुस्से में होते हैं। महादेव के क्रोधित अवस्था में होने के कारण कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
राखी बांधने का मुहूर्त –
इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए लोगों के पास रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का भरपूर समय होगा।
रक्षाबंधन 2018 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त :सुबह 06:04 से शाम 17:25 तक
मुहूर्त की अवधि : 11 घंटे 21 मिनट
इस बार राखी के दिन चंद्र व गुरु का गजकेशरी योग बन रहा है जो की सूर्योदय से लेकर देर रात्रि तक रहेगा। गुरु इस दिन तुला राशि में होंगे व चन्द्रमा कुम्भ राशि में होंगे इस कारण दोनों आपस में नवम पंचम रहेगे गुरु चंद्र यदि एक दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखे तो गजकेसरी योग निर्मित होता है। गजकेशरी योग में राखी बांधने से अटूट बंधन रहेगा, भाइयों को राजा के सामान सुख प्राप्त होगा। इस योग में राखी बांधने से लक्ष्मी जी की की कृपा प्राप्त होगी।