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कैंपा(कपेंसेटरी एफारेस्टेशन फण्ड मैनेजमैन्ट एण्ड प्लानिंग अथारिटी) की समीक्षा बैठक लेते हुएः दिनेश अग्रवाल

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, खेल, विधि एवं न्याय विभाग मंत्री उत्तराखण्ड सरकार दिनेश अग्रवाल ने आज विधान सभा स्थित अपने कक्ष में कैंपा(कपेंसेटरी एफारेस्टेशन फण्ड मैनेजमैन्ट एण्ड प्लानिंग अथारिटी) की समीक्षा बैठक वन विभाग के अधिकारियों के साथ की।

बैठक में उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वनाग्नि को रोकने मे किसी प्रकार की कोताही बर्दास्त नही की जायेगी। वन अधिकारी ताल मेल व आपसी सामंजस्य बनाकर बनाग्नि रोकने में अपनी कारगर भूमिका निभाएॅं। उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक को निर्देशित किया कि सभी वन प्रभाग अधिकारियों को एक एडबाइजरी तुरन्त जारी की जाये। तथा मोडस सिस्टम, सैटेलाईट चित्रों के माध्यम से जंगलों मे आग लगने की घटना की सूचना प्राप्त करते हुए उसे बुझाने के व्यापक इन्तजाम करें। उन्होंने कहा कि दोषी व्यक्ति एवं लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में उन्होंने कहा कि वन चैकियों को फायर प्वाईन्ट एवं डिजास्टर के लिये जहाॅं डिजास्टर जोन हैं, वहाॅं व्यक्तियों को नियुक्त करें तथा उनकी सेवायें लें। उन्होंने प्रशिक्षण का कोटा बढाने के निर्देश देते हुए कहा कि उत्तरकाशी के नीम वालों से मिलकर इमरजैन्सी कीट बनवायें तथा इसका बजटीय प्राविधान कैम्पा या जायका से करें।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा इको टूरिज्म को कैम्पा से जोड़ने की है। इसके लिये विभाग एक कन्सलटैन्ट की नियुक्ति करे। उन्होंने कहा कि इको टूरिज्म के साथ ही विलेज टूरिज्म को विकसित करें। जिससे क्षेत्र के लोग भी आर्थिकी से जुड़ेंगे तथा इनकम जनरेशन होगा। तथा इससे क्षेत्र के लोगों का पलायन भी रूकेगा।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि पायलेट प्रोजैक्ट के रूप में जनपद देहरादून के थानों रेंज को लेना चाह रहे हैं इसके लिये उन्होंने कहा कि थानों रेंज का गैस्ट हाउस ठीक करवायें तथा एक सुन्दर डारमेटरी बनाने के निर्देश भी दिये।
उन्होंने बैठक में कहा कि वनों के गैस्ट हाउस से आर्थिकी विकसित की जायें। आम आदमी को फारेस्ट के गैस्ट हाउस की जानकारी होनी चाहिए। इसके लिये प्रदेश के वन विभाग के जितने भी गैस्ट हाउस हैं। उनकी एक वेबसाइट बनायें जिसमें उसका पूर्ण विवरण ऐतिहासिकता के साथ हो, उन्होंने सभी गैस्ट हाउस का एक प्रोफाइल बनाने के निर्देश प्रमुख वन संरक्षक को दिये।
इसके साथ ही वन विभाग के हर डिविजन के गैस्ट हाउस में टैन्ट सुविधा भी मुहैया करवायी जाये। तथ प्रत्येक वन विभाग के गैस्ट हाउस में सोलर पावर व सोलर लाइट से सुसज्जित किया जाय। बैठक में उन्होंने कहा कि मा0 मुंख्यमंत्री जी जितनी भी घोषणायें वन विभाग की हैं उन्हें कैम्पा से आच्छादित करने के निर्देश भी मंत्री जी द्वारा दिये गये। उन्होंने इस वर्ष क्या-क्या योजनायें चलानी है, उसका पूर्ण विवरण प्रस्तावों के साथ गढ़वाल व कूमायु के डिविजन से मांगने के निर्देश दिये। जिन डी.एफ.ओ. द्वारा प्रस्ताव अभी तक नहीं प्रेषित किये गये हैं उनका विवरण उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख वन संरक्षक को निर्देश दिये गये। उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक को रेंजरों एवं डी.एफ.ओ. का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिससे समयान्तर्गत उनके स्थानान्तरण किये जा सके।
बैठक में उन्होंने कैम्पा की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने अवगत कराया कि वर्ष 2014-15 में 218 करोड़ रू0 केन्द्र से प्राप्त हुआ था जिसमें से कैम्पा के तहत 113 करोड़ रू0 खर्च किया जा चुका है। 105 करोड़ की जिन जिन योजनाओं के सापेक्ष धन का व्यय किया जाना है। इसकी विस्तार से समीक्षा की गयी उन्होंने कहा कि जो पैसा डिविजनों को दिया जा रहा है। वह काम धरातल पर होना चाहिए इसकी मानिटरिंग के निर्देश उनके द्वारा दिये गये। बैठक में मंत्री जी द्वारा जनपद पौड़ी, चम्पावत व पिथौरागढ़ में कार्य सन्तोषजनक न होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि पिछले वर्ष के कराये गये कार्यों की उनके द्वारा जल्दी ही मानीटरिंग की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि अधिकारी निरीक्षण पर अवश्य जायें। तथा कैम्पा से मिलने वाले पैंसे का सदुपयोग वृक्षा रोपण एवं जल संरक्षण के कार्यों में करें।
बैठक में प्रमुख वन संरक्षक एस.एस.शर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक एस.टी.एस.लेप्च्या,, मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय डाॅ0 कपिल जोशी, सी.ई.ओ.(कैम्पा) परमजीत सिंह मौजूद थे।

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