लखनऊ: इतिहास प्रसिद्ध ‘‘काकोरी ट्रेन केस’’ के विख्यात क्रांतिकारी एवं शहीद स्मृति समारोह समिति, उ0प्र0 के संस्थापक क्रांतिवीर श्री रामकृष्ण खत्री की 20 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर
आज यहाँ कैसर बाग लखनऊ स्थित समिति के प्रधान कार्यालय में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित करके क्रांतिवीर स्व0 श्री रामकृष्ण खत्री के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। उपस्थित लोंगों द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित करके उन्हें नमन किया गया।
स्मृति सभा के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री श्री भगवती सिंह ने क्रांतिवीर रामकृष्ण खत्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा0 अशोक बाजपेयी ने भी क्रांतिकारियों के राष्ट्रहित में किये गये त्याग और बलिदान से सबक लेकर युवा पीढ़ी को राष्ट्र के नवनिर्माण में जुटने का आहवान किया। महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 श्री शचीन्द्र नाथ बख्शी के सुपुत्र श्री राजेन्द्र बख्शी ने कहा कि राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वे राष्ट्रहित में अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करें और देशवासियों के हितार्थ सच्चे दिल से महान कार्य करें जिससे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों को साकार करने में मदद मिल सके।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री राम प्यारे त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्र की एकता, अखण्डता, आजादी, आपसी सौहार्द, भाईचारे की भावना तथा अमन चैन को अक्षुण्ण रखने में सभी राष्ट्रवासी एकजुट हों जिससे राष्ट्र का गौरव और सम्मान विश्व में सर्वोच्च स्थान पर बना रहे। उन्होंने अखण्ड भारत की सुरक्षा हेतु सभी को सजग, सतर्क होकर एवं सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। श्री सुधीर हलवासिया तथा कार्यक्रम के संचालक श्री उदय खत्री ने भी क्रांतिवीर श्री रामकृष्ण खत्री के देश की आजादी हेतु दिए गये योगदान पर विस्तार से चर्चा करते हुए उपस्थित नागरिकों को उनके कार्यों की जानकारी दी। सहायक सूचना निदेशक बी0एल0 मौर्य ने भी सभी को क्रांतिकारियों की भांति राष्ट्रहित में कार्य करने का आवह्वान किया।
इस अवसर पर भोजपुरी कवि श्री कृष्णानन्द राय ने जोशीले अंदाज में राष्ट्रीयता एवं देश भक्ति से ओत्प्रोत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, क्रांतिकारियों तथा अमर शहीदों के राष्ट्रहित में किये गये त्याग, बलिदान, के विषय में काव्य पाठ करके उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्र-छात्राओं, नागरिकों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों सभी ने श्री कृष्णानन्द राय की देश भक्ति की रचनाओं की सराहना की।
5 comments