लखनऊ: उत्तर प्रदेष को पूरे देष में सर्वाधिक तिलहन उत्पादन के लिए प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार द्वारा ‘कृशि कर्मण’ पुरस्कार से नवाजा गया है।
प्रदेष के कृशि मंत्री श्री सूर्य प्रताप षाही ने उत्तर प्रदेष को तिलहन उत्पादन के लिए कृशि कर्मण पुरस्कार प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अभी यह पुरस्कार एक ही फसल के लिए प्राप्त हुआ है, वर्तमान सरकार द्वारा कृशि उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, जिनके चलते उत्तर प्रदेष द्वारा गेहूॅ और अन्य फसलों में भी रिकार्ड उत्पादन किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कृशि एवं कृशि कल्याण मंत्रालय, कृशि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कृशि भवन, नई दिल्ली द्वारा विभिन्न श्रेणियों में सर्वाधिक उत्पादन/उत्पादकता प्राप्त करने वाले प्रदेषों को कृशि कर्मण पुरस्कार दिए जाते हैं। यह उपलब्धि राज्य के किसानों द्वारा प्रयुक्त उन्नत तकनीकी विधियों एवं विस्तार सेवाओं के समन्वित प्रयास से प्राप्त हो सकी है। इस पुरस्कार में रू0-2.00 करोड़ (रू0-दो करोड़) की नकद धनराषि, ट्राफी एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। साथ ही इस अवसर पर तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रदेष के एक पुरूश तथा एक महिला कृशक को भी कृशि मंत्री का प्रगतिषील कृशकों के लिए कृशि कर्मण पुरस्कार दिया जायेगा जिसमें प्रत्येक कृशक को रू0-2.00 लाख (रू0-दो लाख) नकद तथा प्रषस्ति पत्र दिया जायेगा। यह पुरस्कार फरवरी-मार्च-2019 में दिल्ली में आयोजित होने वाले कृशि उन्नति मेले में दिया जायेगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेष में वर्श 2016-17 में तिलहन की खेती 10.87 लाख हे0 में की गई थी जिससे 12.39 लाख मै0टन उत्पादन हुआ था। वर्श 2017-18 में 11.00 लाख हे0 क्षेत्रफल में तिलहन का उत्पादन 13.62 लाख मै0टन प्राप्त हुआ। इस वर्श 2018-19 में 12.00 लाख हे0 क्षेत्रफल में तिलहन की खेती की गई है तथा उत्पादन का लक्ष्य 13.98 लाख मै0टन निर्धारित है। राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में उन्नतषील प्रजातियों के बीजों एवं अन्य कृशि निवेषों की व्यवस्था की गई है जिससे यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो जायेगा। उन्होंने आषा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेष को आगामी वर्शो में भी विभिन्न फसलों के लिए निरन्तर कृशि कर्मण पुरस्कार प्राप्त होंगे। कृशि मंत्री ने कृशि कर्मण पुरस्कार की प्राप्ति के लिए प्रदेष के सभी किसानों तथा कृशि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।