अल्मोड़ा: पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित करने में कूर्माचल एकेडमी का योगदान सराहनीय एवं प्ररेणादायक है यह विचार मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कूर्माचल एकेडमी के 25वें रजत जयन्ती के अवसर पर कूरजिमा (कूर्माचल करिश्मा) का शुभारम्भ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा का यह मुख्यालय हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपब्धियॉ प्राप्त कर अब उत्तराखण्ड राज्य कई मामलों में केरल से अव्वल पंक्ति में सुमार हो चुका है। कूर्माचल एकेडमी की स्थापना के बाद यहा पर शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुआ है, वही दूसरी ओर यहा से अध्ययन करने के बाद छात्र-छात्राओं ने आगे बढ़कर जनपद का ही नही अपितु राज्य का भी गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जनपद अल्मोड़ा ने स्वतन्त्रता आन्दोलन से लेकर सांस्कृतिक गतिविधियों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही तकनीकी शिक्षा को भी प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि कूर्माचल एकेडमी की निदेशक श्रीमती मधु खाती ने जिस लगन से इस विद्यालय को आगे बढाने का काम किया यह महिला सशक्तिकरण के लिये भी प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होंने विद्यालय के छात्र-छात्राओं के अनुशासन की प्रंशसा के साथ ही उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये कार्यक्रमों को सराहा साथ ही इस अवसर पर अनेक अध्यापक/अध्यापिकाआें सहित उपस्थित अतिथियों का शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
कूर्माचल एकेडमी की निदेशक मधु खाती ने बताया कि 15 जुलाई 1991 में दो अध्यापक व 13 छात्र/छात्राओं को लेकर इस विद्यालय की स्थापना की गई थी। वर्तमान में इस विद्यालय में 1300 से भी अधिक छात्र-छात्रायें अध्ययनरत है साथ ही 90 शिक्षक/शिक्षिकायें व 34 अन्य कर्मचारी यह पर कार्यरत है। उन्हांंने यह भी बताया कि गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके इस उद्देश्य से लोधिया नामक स्थान पर निरपेक्ष्य अभिलाषा विद्यालय की स्थापना की गई है।