देहरादून: प्रदेश के श्रम सेवायोजन, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग, खादी तथा ग्रामोद्योग, दुग्ध विकास, औद्योगिक शिक्षण संस्थान मंत्री उत्तराखण्ड सरकार हरीशचन्द्र दुर्गापाल ने आज विधानसभा स्थित सभागार में श्रम, सेवायोजन, कर्मचारी राज्य बीमा योजना एवं कर्मचारी राज्य निगम और भारत सरकार के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में उन्होंने शासन के अधिकारियों से कहा कि सरकार का मन्तव्य है कि कार्य त्वरित गति से करते हुए श्रमिकों (मजदूरों) का पैसा उन्हें शीघ्र दिया जाय, जिससे पैसे का सदुपयोग हो सके। उन्होंने सेवायोजन विभाग की समीक्षा करते हुए ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के अन्तर्गत आॅन लाईन पंजीयन की स्थिति पर चर्चा करते हुए अवगत कराया गया कि वर्तमान में सेवायोजन विभाग के अन्तर्गत सचांलित 23 कार्यालयों में से 18 कार्यालयों में आॅन लाईन पंजीयन व्यवस्था आरम्भ कर दी गयी है। इसके लिये उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि बेरोजगार व्यक्ति घर बैठें ही अपना पंजीयन आॅन लाईन कर सकें। उन्होंने अवशेष बचे सेवायोजन कार्यालयों में आॅन लाईन व्यवस्था शुरू करने के निर्देश जून 2015 तक दिये।
बैठक में उन्होंने रोजगार सह कौशल विकास भत्ता योजना की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2014-15 तक कुल 35 करोड़ 76 लाख की धनराशि का भुगतान अभ्यार्थियों के बैंक खातों के माध्यम से किया गया है। उन्होंने बताया कि अबतक इस योजना के अन्तर्गत 30307 अभ्यार्थी लाभान्वित हो चुके है। माह अप्रैल, 2015 में 1119 अभ्यार्थियों का चयन किया गया है वित्तिय वर्ष 2015-16 में प्रथम चरण में 20 करोड़ की धनराशि का प्राविधान किया गया है।
उन्होंने सेवायोजन अधिकारियों को लक्ष्य दिया है कि उक्त पैसा 30 जुलाई, 2015 तक बंट जाना चाहिये। बैठक में उन्होंने कहा कि बच्चों की कैरियर काउंसलिंग के लिये पाॅलिटैक्निक एवं आई.टी.आई. में भी कैम्प लगायें जाये, जिससे उन प्रशिक्षित बच्चों की भी काउंसलिंग हो सके तथा उन्हें रोजगार के सुअवसर प्राप्त हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित बच्चों के लिये रोजगार मेलों का भी आयोजन किया जाये तथा इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से किया जाय। जिससे सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को मिल सके।
बैठक में सचिव श्रम, सेवायोजन आर.के. शुधांशु ने मंत्री जी को अवगत कराते हुए कहा कि सेवायोजन अधिकारी का नाम परिवर्तित करते हुए कौशल विकास अधिकारी रखा जाय। इस पर मंत्री जी ने सहमति देतंे हुए कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता करते हुए इसे अगली कैबिनेट बैठक के लिये प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी दिया गया।
बैठक में मा. मंत्री जी द्वारा श्रम विभाग, कारखाना प्रभाग/वायलर प्रभाग, कर्मचारी राज्य बीमा येाजना विभाग के विभागीय संरचना के ढांचे पर कार्यवाही करने के निर्देश सचिव श्रम एवं सेवायोजन को दिये। उन्होंने राज्य बीमा योजना के चिकित्सालयों की स्थापना पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को 02 चिकित्सालायों क्रमशः हरिद्वार, रूदप्रयाग, उधमसिंहनगर में निःशुल्क जमीन उपलब्ध करवायी गयी है परन्तु भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा हीला-हवाली की जा रही हैं। इसके लिये उन्होंने सचिव श्रम सेवायोजन को उनकी तरफ से पत्र भारत सरकार के सचिव को पत्र भेजने हेतु निर्देशीत किया।
बैठक में उन्हें अवगत कराया गया कि 30 अप्रैल, 2015 तक कुल 32,233 श्रमिकों का पंजीकरण किया जा चुका है। बैठक में उन्हें बताया गया कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य उपकर संग्रहण/वसूली में विगत वर्ष तक रू. 86 करोड़ 88 लाख, 48 हजार, 293 की धनराशि जमा करायी गयी। निर्धारित लक्ष्य 39 करोड़ के सापेक्ष कुल 9 करोड़ 75 लाख 57 हजार 58 रू की वसूली विभिन्न टीमों द्वारा करायी गयी है। 2988 श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित करते हुए 01 करोड़ 49 लाख 92 हजार 855 रू. की धनराशि कल्याणार्थ व्यय की गयी है। बैठक में उन्होंने कहा कि निर्माण श्रर्मिकों के हितार्थ मैदानी क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों को 1000 साईकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र के निर्माण श्रर्मिकों एवं उनके आश्रितों को सिलाई मशीन उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि जो पैसा भवन सन्निर्माण का एकत्र हुआ है। वह मजदूरों पर खर्च किया जाय। उन्होंने बाल श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है। इस दिशा में कार्यवाही की जाय। बाल श्रमिकों से काम लेने पर पाबन्दी लगाने हेतु परगनाधिकारी से मदद लेते हुए इस पर आवश्यक कार्यवाही की जाय।
बैठक में सचिव श्रम एवं सेवायोजन आर.के. शुधांशु, अपर सचिव श्रम एवं सेवायोजन अक्षत गुप्ता, निदेशक सेवायोजन सचिन बंसल, लेबर कमीश्नर डा. आनन्द श्रीवास्तव एवं जिला सेवायोजन अधिकारी मौजूद थे।