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श्रम अधिकारी पूरी निष्ठा एवं इमानदारी से कार्य कर श्रमिकों को योजनाओं से लाभान्वित करें: स्वामी प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश

लखनऊः प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों व श्रमिकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने व इन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित की हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि बनती है कि वे कामगारों को योजनाओं से लाभान्वित कर इनके घर में खुशहाली लाये।

श्रम मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य आज सुशान्त गोल्फ सिटी, लखनऊ में आयोजित निर्माण श्रमिकों के पंजीयन एवं हितलाभ वितरण समरोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।  समारोह में उन्होंने उ0प्र0 भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं से 1650 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 58,85,387 रूपये की धनराशि देकर लाभान्वित किया। श्रमिक पंजीयन कैम्प में 1023 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन करवाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रम अधिकारी पूरी निष्ठा एवं इमानदारी से कार्य कर श्रमिकों को योजनाओं से लाभान्वित करें। सरकार की मंश है कि गरीब का विकास हो, मजदूर का बच्चा मजदूर न बने बल्कि पढ़-लिखकर  इंजीनियर व डाक्टर बने। इसी उद्देश्य से वह स्वयं 60 जिलों के लेबर अड्डों में जाकर श्रमिकों को लाभान्वित कर चुके हैं।

श्रम मंत्री ने कहा कि  श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ श्रमिकों को तभी मिलेगा जब उनका पंजीयन हो। अभी तक पूरे प्रदेश में 40 लाख से अधिक  निर्माण श्रमिकों का पंजीयन हो चुका है। उन्होेंने बी.ओ.सी. बोर्ड द्वारा संचालित 18 योजनाओं  के लाभ के बारे में श्रमिको को बताया। उन्होने कहा कि निर्माण श्रमिकों का पंजीयन होने के तत्काल बाद उन्हें अपनी छोटी-मोटी बीमारी के इलाज के लिए प्रतिवर्ष रू0- 3000.00 एक वर्ष बाद शौचालय सहायता के लिए रू0 12,000, आवास सहायता के रूप में रू0-1,00,000.00 तथा गम्भीर बीमारी के इलाज शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति बोर्ड द्वारा की जायेगी। वही निर्माण श्रमिको के पुत्री पैदा होने पर रू0- 25,000.00 एवं  पुत्री के विवाह के लिए रू0- 55,000 तथा अन्र्तजातीय विवाह के लिए रू0- 61,000, श्रमिको की सामान्य रूप से मृत्यु होने पर रू0- 2,00,000 तथा दुघर्टनावश मृत्यु होने पर रू0- 5,00,000 एवं ं मृत्यु एवं अन्त्येष्टि के लिए रू0- 25,000.00 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। ़श्रमिको के बच्चोें के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढाई हेतु सरकारी कालेज की पूरी फीस का वहन बोर्ड द्वारा किया जायेगा।

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