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राष्ट्र निर्माता है श्रमिक, समाज में सबसे ज्यादा सम्मान के पात्र हैं श्रमिक: स्वामी प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश

लखनऊः राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी वर्ष समापन समारोह के अवसर पर श्रम कल्याण परिषद, श्रम विभाग द्वारा आज विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह, लखनऊ में स्मारिका का विमोचन, 52 श्रमिकों को हित लाभ वितरण एवं 03 नवीन प्रस्तावित योजनाओं का लोकार्पण किया गया है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रजज्वलन व राष्ट्रगीत से किया गया। कार्यक्रम में श्रम कल्याण परिषद व श्रम विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की संकलित ‘‘स्मारिका का विमोचन‘‘ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार ने कहा कि राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी का जीवन कर्म एवं संघर्ष ऐसा है कि कोई भी उनकी राय पर चलकर देश एवं समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है। दत्तोपंत ठेंगड़ी जी विशाल ह्दय और महान व्यक्तित्व के धनी थे। वह हमेशा श्रमिकों के बेहतर भविष्य और कल्याण की बात करते थे। उन्होंने कहा कि ठेंगड़ी जी ने कोई भी संगठन बनाने और उसे चलाने की क्षमता थी। उन्होंने दुनियाभर के मजदूर आंदोलनों की दिशा ही बदल दी। उन्होंने श्रमिकों के अधिकार एवं सेवायोजकों के कर्तव्य के बीच की खाई को पाटने का कार्य किया तथा श्रमयेव जयते की भावना को चरितार्थ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रमिकों के हित, कल्याण की बात करते हुए कहा कि श्रम कल्याण परिषद, श्रम विभाग श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सदैव तत्पर है। समाज को बेहतर बनाने के हर कार्य में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि समाज में सबसे ज्यादा सम्मान के पात्र श्रमिक हैं वे राष्ट्रनिर्माता हैं, प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार सदैव इनके दुःख-दर्द को बांटने का कार्य करेगी।
श्रम मंत्री श्री मौर्य ने कहा कि श्रम विभाग श्रम कानूनों में संशोधन करके सदैव श्रमिकों के हितों की रक्षा कर रहा है और हम प्रयासरत है कि समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े श्रमिक तक लाभ को पहुँचाया जा सके। उन्होंने बताया कि डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर जी ने जिस प्रकार श्रमिकों के हितों की रक्षा की थी उसी प्रकार से हमारी सरकार भी उनके ही लक्ष्यों को आगे बढ़ाने प्रयासरत है। उन्हानें प्रदेश में कार्यरत तमाम श्रमिक संगठनों से भी अपनी राय और सुझाव भी मांगे कि किस तरह से समाज के अन्तिम श्रमिक तक लाभ पहुँचाया जा सके। मौर्य जी ने श्रम कल्याण परिषद को सफल कार्यक्रम आयोजन के लिए भी बधाई दी।
कार्यक्रम में उपस्थित औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी के विषय में कहा कि ठेंगड़ी जी ने देश को हमेशा सही और गलत में विभाजित किया। उन्होंने हमेशा गलत को गलत कहा और सही को सही। उन्होंने कभी धर्म जाति के आधार पर समाज को विभाजित नही किया। वे अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। राष्ट्रवादी विचारधार को आगे बढ़ाया। उनके संघर्षों का ही परिणाम है कि श्रमिकों को कुछ अधिकार मिले हैं।
इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल उर्फ मन्नूकोरी ने कहा कि हमारी सरकार श्रमिकों के हितार्थ कार्य करने लिए प्रारम्भ से ही प्रयासरत है। श्रम कल्याण परिषद द्वारा आज दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन अवसर पर श्रमिकों के हितार्थ तीन नवीन योजनाओं का शुभारम्भ कर श्रमिकों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया है। आशा है कि इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों का कल्याण होगा।
कार्यक्रम में श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुनील भराला ने राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी के जीवन कार्यों एवं मूल्यों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी ने मजदूरों को नारा दिया था कि ‘देश के हित में करेंगे काम, काम के लंेगे पूरे दाम’। उन्होंने बताया कि राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने अपनी पूरी जिन्दगी श्रमिकों के कल्याणार्थ लगा दी। समाज को एकजुट करने और एक होकर देश हित में काम करने के लिए सामाजिक समरसता मंत्र की नींव रखने का श्रेय भी ठेंगड़ी जी को जाता है।
उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण परिषद, श्रम विभाग प्रारम्भ से ही राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी द्वारा मजदूरों/श्रमिकों के कल्याणार्थ किए गए कार्याें को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। साथ ही तीन नवीन योजनाओं का भी उनके जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह के अवसर पर लोकार्पण कर रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिक तथा उनके पुत्र/पुत्रियों को लाभ प्रदान किया गया जायेगा, जिससे श्रमिकों का कल्याण होगा।
कार्यक्रम के शुभारम्भ में अपर मुख्य सचिव, श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि श्रम कल्याण परिषद का वर्ष 1965 में गठन के उपरान्त प्रथम बार ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुनील भराला की मंशा प्रदेश सरकार के अनुरूप ही श्रमिकों के हितों का संरक्षण करना है।
कार्यक्रम में श्रम कल्याण परिषद द्वारा प्रस्तावित तीन नवीन योजनाओं का लोकार्पण किया गया। इसमें चेतन चैहान क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना, महादेवी वर्मा पुस्तक क्रय योजना, स्वामी विवेकानन्द ऐतिहासिक पर्यटन योजना शामिल है। श्रमिकों को लाभ वितरण में गणेश शंकर विद्यार्थी योजना के अन्तर्गत 30 श्रमिकों को हितलाभ प्रमाण पत्र, डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना में अन्तर्गत 21 लाभार्थियों को हितलाभ प्रमाण पत्र व ज्योतिबा फुले कन्यादान योजना के अन्तर्गत 01 श्रमिक लाभार्थी को हितलाभ प्रमाण पत्र  वितरित किये गये । कार्यक्रम का संचालन राज्य समन्वयक, श्रम विभाग सैय्यद रिज़वान अली ने किया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण राज्य परामर्शदात्री समिति रघुराज सिंह, श्रम कल्याण आयुक्त मोहम्मद मुस्तफा, अपर श्रमायुक्त बी0के0राय0, उप श्रमायुक्त शमीम अख्तर, अमित कुमार मिश्रा, नदीम अहमद, अनुराग मिश्रा, सहायक श्रमायुक्त रवि श्रीवास्तव, श्रम कल्याण परिषद के सभी सम्मानित सदस्यगण के साथ 200 श्रमिक लाभार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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