देहरादून: प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं एम0एस0एम0ई0 मंत्री, हरीश चन्द्र दुर्गापाल की अध्यक्षता में विधानसभा सभागार में श्रम, सेवायोजन तथा कर्मचारी राज्य बीमा योजना संबंधित बैठक सम्पन्न हुई।
श्रम मंत्री ने श्रमिको के लिए संचालित योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, जिससे योजनाओं का लाभार्थियो को शत-प्रतिशत लाभ मिल सके। उन्होंने योजनाओं का प्रचार-प्रसार लघु फिल्मों तथा चैनलो में स्क्रॉल के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने योजनाओं से संबंधित जानकारी के बोर्ड चौराहों पर लगाने के निर्देश दिए। श्री दुर्गापाल ने कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित प्रगति की समीक्षा की, जिसमें श्रमिकों को दी जाने वाली टूल्स सहायता योजना, साठ वर्ष से अधिक कामगारों के लिए पेंशन योजना, मकान खरीद निर्माण हेतु अग्रिम, निःशक्त कामगारों के लिए पेंशन तथा अनुग्रह राशि योजना, दुर्घटना अथवा सामान्य मृत्यु पर आश्रितों को आर्थिक सहायता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत प्रीमियम भुगतान बोर्ड द्वारा किए जाने की योजना, कामगार के बच्चों के लिए शिक्षा सहायता योजना, पुत्रियों के विवाह, प्रसूति प्रसुविधा, चिकित्सा सहायता, सिलाई मशीन व साईकिल के रूप में सहायता आदि योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की।
श्रम मंत्री ने कामगारों को योजना का लाभ दिलाने के लिए शीघ्र ही शिविरों के आयोजन के निर्देश दिए। श्री दुर्गापाल ने इसी वित्तीय वर्ष 2016-17 में काशीपुर, जसपुर, हरिद्वार, देहरादून, पिथौरागढ़, टिहरी में टिहरी मुख्यालय तथा प्रतापनगर, चमोली में शिविर लगाकर निर्माण श्रमिकों को टूल्स किट पेंशन आदेश आदि वितरित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रमिक बहुल क्षेत्र हरिद्वार, हल्द्वानी में शीघ्र शिविर लगाने के निर्देश दिए। श्रम मंत्री ने मुख्यमंत्री की घोषणा समाचार वितरको(हाकर्स) हेतु मैदानी क्षेत्र में साइकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र में छाता, रेनकोट, गमबूट शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि आज ही इस मद में 60 लाख रूपए की धनराशि विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी।
श्रम आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कैबिनेट मंत्री को अवगत करायाकि विभाग द्वारा म्ेंम वि कवपदह ठनेदमे के अतंर्गत श्रमिकों के पंजीकरण तथा नवीनीकरण का कार्य पूर्ण ऑनलाइन के माध्यम से शुरू कर दिया गया है। उन्होंने अवगत कराया कि प्रदेश में फैक्ट्री एक्ट 1948, बॉयलर एक्ट 1923, द बिल्डिंग एण्ड अदर कन्शट्रक्शन वकर्स एक्ट 1996, इंड्रिस्ट्रयल इंस्टेबलिश एक्ट 1946, कॉन्ट्रेक्ट लेबर एक्ट 1970, द मोटर ट्रांसपोर्ट वकर्स एक्ट 1961, द शॉप एण्ड कर्मिंशयल इंस्टेबलिश एण्ड 1962 आदि के अंतर्गत श्रमिकों के पंजीकरण तथा नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है तथा उक्त अधिनियमों को सेवा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शामिल करते हुए प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है तथा विभागीय वैबसाइट को ‘‘मेक इन इण्डिया‘‘ के तहत चलाए गए अभियान उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम से भी जोड़ दिया गया है। साथ ही लो-रिस्क वाले कारखानों के लिए स्व-प्रमाणीकरण योजना आरम्भ कर दी गई है।
उन्होंने कौशल उन्नयन योजना की भी समीक्षा करते हुए श्रमिकों के कौशल बढ़ाने के लिए तेजी से अभियान चलाकर लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है, कि प्रदेश में देहरादून में संचालित इस पाईलेट प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में 89 श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा इस वर्ष 35,000 निर्माण श्रमिकों का कौशल उन्नयन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। श्रम मंत्री ने कम पंजीकृत श्रमिकों वाले जनपदों में श्रमिकों के अधिक से अधिक पंजीकरण करने हेतु ठोस कार्य योजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। पंजीकरण की समीक्षा के दौरान मंत्री के संज्ञान में लाया गया, कि अब तक प्रदेश में 1 लाख 57 हजार 136 निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण किया जा चुका है, जिनमें से सबसे अधिक देहरादून में 34 हजार 365 तथा ऊधमसिंहनगर में 29 हजार 988 तथा नैनीताल में 20 हजार 629 श्रमिकों का पंजीकरण किया जा चुका है तथा सबसे कम पंजीकरण उत्तरकाशी जिले में मात्र 975 है।
सेवायोजन की समीक्षा के दौरान श्रम एवं सेवायोजन मंत्री द्वारा आगामी 04-05 नंवबर को देहरादून तथा माह अक्टूबर के अंत तक जसपुर में वृहद रोजगार मेला लगाने के निर्देश दिए, जिनमें अधिक से अधिक कम्पनियों को आमंत्रित कर युवाओं को रोजगार के अवसर दिलाने के निर्देश दिए। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री द्वारा सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों के ऑन-लाईन पंजीकरण की व्यवस्था, कैरियर परामर्श कार्यक्रम के अंतर्गत विशेषज्ञों से वार्ता, शिक्षण एवं मार्ग दर्शन केन्द्रों के कार्य की प्रगति, रोजगार सह-कौशल विकास भत्ता की जानकारी, मॉडल कैरियर सेंटर की स्थापना आदि बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
श्रम चिकित्सा सेवा योजना की समीक्षा के दौरान श्रम मंत्री द्वारा योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाले चिकित्सालय/औषधालय की भूमि तथा धन की उपलब्धता पर विस्तार से समीक्षा की गई तथा अपर सचिव श्रम को कर्मचारी बीमा निगम तथा राज्य श्रम चिकित्सा सेवाएं विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक बुलाने के निर्देश दिए गए। जिसमें निर्माणाधीन चिकित्सालयो/औषधालयों तथा सूचीबद्व विशेषज्ञ अस्पतालों में रिफरल प्रकरणों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। निगम के क्षेत्रीय निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि रूद्रपुर में 100 बैड के अस्पताल हेतु भूमि निगम को प्राप्त हो चुकी है, जिसके निर्माण के लिए निगम द्वारा धनराशि सी0पी0डब्लू0डी0 को उपलब्ध करा दी गई है, जिसपर मुख्य अभियंता सी0पी0डब्लू0डी0 एस0सी0 भारद्वाज द्वारा बताया गया, कि उनके द्वारा आगामी माह में कार्य शुरू करा दिया जाएगा। निगम के अधिकारी द्वारा बताया गया, कि हरिद्वार में 100 बेड चिकित्सालय तथा देहरादून में औषधालय के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है, जिसके लिए कार्यदाथी एन0बी0सी0सी0 को 95 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करा दी गई है, जिसपर एन0बी0सी0सी0 के जी0एम0 एम0के0 चावला ने बताया कि संस्था द्वारा उक्त परियोजना हेतु कन्सलटेन्ट नियुक्त किया जा चुका है तथा देहरादून डायग्योनिस्टिक सेंटर एवं औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई में औषधालय एवं निगम का स्थानीय कार्यालय एवं हरिद्वार सिडकुल में 100 बैड के चिकित्सालय की परियोजना का कार्य जनवरी प्रथम सप्ताह तक शुरू करा दिया जाएगा, जिसपर श्रम मंत्री द्वारा निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश कार्यदायी संस्थाओं को दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, अपर सचिव पंकज पाण्डेय, श्रम आयुक्त डा. आनन्द श्रीवास्तव, उपनिदेशक आर0के0 सिंह, उप श्रम आयुक्त उत्तराखण्ड मधु नेगी, उप श्रम आयुक्त गढ़वाल विपिन कुमार तथा कुमांऊ अनिल पेटवाल, सहित समस्त जनपदों के सहायक श्रम आयुक्त, श्रम चिकित्सा सेवायें कर्मचारी राज्य बीमा योजना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 नरेश कुमार अग्रवाल तथा वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ0 दीप शिखा, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह आदि उपस्थित थे।